1891 में डॉ.टेसला को अमरीका का नागरिकत्त्व प्राप्त हुआ। डॉ.टेसला के लिए यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण घटना थी। इसी साल डॉ.टेसला ने न्यूयॉर्क में एक और प्रयोगशाला स्थापित की। इस प्रयोगशाला में एवं मॅनहाटन के प्रयोगशाला में उन्होंने बिजली के बल्ब बगैर वायर को जलाकर दिखाने का वैज्ञानिक चमत्कार किया था। बगैर वायर के विद्युतभार वहन करने का तंत्रज्ञान डॉ.टेसला ने लगभग सवा सौ वर्ष पहले ही विकसित किया था। यह यांत्रिक ज्ञान ‘टेसला इङ्गेक्ट’ के नाम से जाना जाता है।
डॉ.निकोल टेसला एवं थॉमस एल्वा एडिसन इनके बीच होने वाले ‘वॉर ऑङ्ग करंटस्’ के बारे में हमने जानकारी हासिल की दुनिया वालों ने आज तक जिनका एक असामान्य संशोधक के रुप में बेइम्तिहा गुणगान किया उसी एडिसन ने डॉ. टेसला के विरुद्ध बिलकुल गिरे हुए स्तर पर कारवाईयाँ की। जितना हो सका हर प्रकार से उन्हें गिराने की कोशिशें की परन्तु परमेश्वर पर अटल श्रद्धा रखने वाले टेसला शांतिपूर्वक अपना संशोधन करते रहे और अपने संशोधन कार्य के प्रति आने वाले आक्षेपों का उत्तर विधायक मार्ग से दिया।
एडिसन के कंपनी से नौकरी छोड़ने के बाद डॉ.टेसला ने न्यू जर्सी में ‘टेसला इलेक्ट्रिक लाईट अँण्ड मॅन्युङ्गॅक्चरिंग’ नामक कंपनी शुरु की यहाँ से इन्होंने ‘आर्क लाईट’ अर्थात रास्ते पर लगाये जानेवाली लाईट बनाई इनकी डिजाइन एवं कार्यक्षमता उच्च स्तर की थी। उस समय इसी कारण न्यूयॉर्क के रास्ते जगमगा उठे थे। ङ्गिर भी उनके कंपनी में निवेश करनेवाले निवेशकों के कारण अपेक्षानुसार लाभ वे नहीं उठा सके थे। इन्होंने ‘डायनॅमो इलेक्ट्रिक मशीन’ का पेटंट भी प्राप्त कर लिया था।
डॉ.टेसला इलेक्ट्रिक लाईट अँण्ड मॅन्युङ्गेक्चरिंग’ द्वारा अल्टरनेटिंग करंट’ विद्युत भार वहन पर आधारित मशीनों का उप्तादन करने की योजना डॉ.टेसला ने बना रखी थी। परन्तु इस योजना को मान्यता न देते हुए उनके निवेशकों ने उनके ही कंपनी से धोखा करके उन्हें निकल जाने पर मज़बूर कर दिया पर डॉ.टेसला ने हिम्मत नहीं हारी।
इस महान व्यक्तित्व के धनी डॉ.टेसला के हाथों कुछ न आने पर भी मेहनत मज़दूरी करके इन्हों ने अपना उदर निर्वाह किया।
कहते है ‘तूङ्गनों से डरकर नैया पार नहीं होती मेहनत करनेवालों की कभी हार नहीं होती।
1886 अप्रैल में डॉ.टेसला ने पुन: ‘टेसला इलेक्ट्रिक कंपनी’ शुरु की यहाँ पर उनका साथ नून्यॉर्क के वकील ‘चार्ल्स पीक’ तथा ‘वेस्टर्न यूनियन’ के डायरेक्टर ‘अल्ङ्ग्रेड ब्राडन’ ने आर्थिक रुप में दिया। ‘अल्टरनेटिंग करंट सिस्टिम’ को पुरस्कृत करके सर्वोत्तम प्रकार के उत्पादन तैयार करना यही उनका ध्येय था, जो वे इस कंपनी के माध्यम से साध्य करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने न्यूयॉर्क के मॅनहटन मे प्रयोगशाला शुरु की। एक वर्ष में ही इन्होंने ‘ब्रशलेस अल्टरनेटिंग़ करंट इंडक्शन मोटर’ तैयार करके उसका पेटंट भी प्राप्त कर लिया। ये मशीन ‘रोटेटिंग मॅग्नेटिक ङ्गिल्ड’ के तत्त्वों पर आधारित थी।
1888 में डॉ. के मित्र तथा ‘इलेक्ट्रिक वर्ल्ड मॅक्झिन’ के संपादक थॉमस मार्टिन ने डॉ.टेसला को ‘अल्टरनेटिंग करंट सिस्टम’ को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करवाया। ‘अमेरिकन इन्स्टिट्यूट ऑङ्ग इलेक्ट्रिक इंजीनियर्स(एआयईई) के समक्ष अपनी इस कला का प्रदर्शन करने का अवसर उनके लिए बहुत ही लाभदायक साबित हुआ। आज यह संस्था ‘आयईईई’ अथवा ‘आय ट्रिपल ई’ के नाम से जानी जाती है। यह संस्था संपूर्ण विश्व में इलेक्ट्रिकल उत्पादन का दर्जा निश्चित करती है। उस समय में भी यह संस्था अपनी एक विशेष पहचान रखती थी।
डॉ.टेसला के प्रात्यक्षिक के समय उस क्षेत्र के सभी सम्मानित लोग एवं जाने-माने संशोधक, इंजीनियर्स, उद्योगपती एवं प्रसारन क्षेत्र के प्रतिनिधी आदि भी उनके सराहना हेतु वहाँ पर बहुत बड़े पैमाने पर उपस्थित थे। उनके समक्ष डॉ.टेसला ने ‘एसी करंट सिस्टिम’ का प्रदर्शन किया एवं उसके व्यावहारिक उपयोग को सिद्ध किया। डीसी सिस्टम की अपेक्षा एसी सिस्टिम कितना अधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है यह भी स्पष्ट कर दिया। इस पद्धति से बिजली की बचत होती है तथा विद्युतभार संवाहन में भी काङ्गी सहायता मिलती है इस बात को भी डॉ.टेसलाने सप्रमाण सिद्ध कर दिया। उनके इस प्रदर्शन से वहाँ पर उपस्थित लोग स्तब्ध रह गए।
डॉ.टेसला के एसी सिस्टिम के कारण केवल घर ही नहीं बल्कि कल-कारखानों में यातायात के साधनों में भी आदि विद्युतभार संवाहन करना संभव हो गया है यह देखा। वहाँ उपस्थित लोगों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा डॅा.टेसला के इस कला-कौशल से प्रसन्न होकर वहाँ पर उपस्थित एक बहुत बड़े उद्योगपति ने उन्हें अपने यहाँ ‘डिनर’ के लिए निमंत्रित किया और वहाँ पर जार्ज वेस्टिंग हाऊस ने उनके सामने एक आकर्षक प्रस्ताव रखा। जिसमें डॉ.टेसला के पेटंट खरीदने के लिए उन्होंने डॉ.टेसला को दस लाख डॉलर्स देने की तैयारी दिखलाई साथ ही उनके तंत्रज्ञान का उपयोग कर तैयार होनेवाले हर एक ‘हॉर्सपावर इलेक्ट्रिसिटी’ के पीछे एक डॉलर देने का वादा भी किया। इस व्यवहार में बात सिर्ङ्ग पैसों के लेन देन तक ही सीमित न होकर वे अपने संशोधन का उपयोग जहाँ चाहे, जैसे चाहे कर सकते हैं इस बात का संपूर्ण अधिकार भी वेस्टिंग हाऊस ने डॉ.टेसला को दे रखा था। इस करार के संपन्न होते ही वेस्टिंगहाऊस ने डॉ.टेसला को अपने पीट्सबर्ग वाले प्रयोगशाला में कंसल्टन्ट के रुप में नियुक्त कर लिया और यहीं पर डॉ.टेसला ने इलेक्ट्रिक कार के लिए ‘एसी’ सिस्टिम तैयार किया। आज ‘इलेक्ट्रिक कार’ का उपयोग कुछ देशों में किया जाता है। परन्तु उसकी प्रगति अभी तक अपेक्षानुसार नहीं हुई है। आगे भी हम डॉ.टेसला के महत्त्व के बारे में जान सकेंगे। 1888 में टेसला ने ‘इलेक्ट्रिक कार’ के लिए ‘एसी करंट सिस्टिम’ तैयार की थी। 1891 में डॉ.टेसला का अमरीका नागरिकत्व प्राप्त हुआ!
अब तक हमने डॉ.टेसला के बिलकुल सामान्य धरातल पर होनेवाले संशोधनों के प्रति जानकारी हासिल की। परन्तु सच्चाई तो यह है कि ये सामान्य धरातल पर होने वाले संशोधन बिलकुल चौका देनेवाले थे। आगे चलकर डॉ.टेसला ने जो भी संशोधन किये वे मानवीय मर्यादा से परे थे तब भी उसी समय वे पूर्णत: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संबंधित है क्योंकि डॉ.टेसला के संशोधन का आधार अध्यात्मिक ही था।
http://www.aniruddhafriend-samirsinh.com/the-stepping-stones-of-dr-nikola-tesla/
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