Aniruddha Bapu |
मानव के मन में विचारों की
शृंखला चलती रहती है। मानव के अवास्तविक विचारों के कारण उसके मन में ‘झूठा
अहं’ बढता रहता है। प्रशंसा और निन्दा से भी यह झूठा अहं बढता है। यह झूठा
अहं ही मानव के जीवन में पीडा और भय उत्पन्न करता है। इस झूठे अहं की
घातकता के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८
सितंबर २०१४ के प्रवचन में मार्गदर्शन किया, जो आप इस व्हिडियो में देख
सकते हैं ll
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