मानव यदि स्वयं अपनी
विवेकबुद्धि का उपयोग नहीं करता, तो उसका सही मैं दुर्बल बनता जाता है ।
दुर्बल मन पर भय आसानी से कब्जा कर लेता है और भय के कारण बार बार गलत
विचार आते रहते हैं । गलत विचारों की शृंखला से झूठा मैं ताकतवर होता है,
पनपता है । भय से ‘झूठा मैं’ किस तरह बढता है इस बारे में परम पूज्य
सद्गुरु श्रीअनिरुद्धसिंह ने अपने २१ अगस्त २०१४ के प्रवचन में मार्गदर्शन
किया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक -http://aniruddhafriend-
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