सन्तश्रेष्ठ
श्रीतुलसीदासजी श्रीहनुमानचलिसा स्तोत्र में हनुमानजी को ‘कपिश’ कहकर
संबोधित करते हैं । ‘कपिश’ यह संबोधन ‘कपि’ और ‘ईश’ इन दो शब्दों का अर्थ
अपने ११ सितंबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में परम पूज्य सद्गुरु श्रीअनिरुद्धजी
ने बताया । जिसे आप इस इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
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