संयुक्त राष्ट्रसंघ के नए प्रतिबन्ध मतलब युद्ध की घोषणा – उत्तर कोरिया की और एक धमकी
सेऊल: ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबन्ध लगाकर युद्ध की घोषणा की है। राष्ट्रसंघ के प्रतिबन्ध अमरिका के पक्ष में है’, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने दिया है। दौरान, उत्तर कोरिया के खिलाफ कभी भी युद्ध भड़क सकता है, ऐसा कहकर अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे। लेकिन रशिया ने उत्तर कोरिया का विवाद चर्चा करके सुलझाने की माँग की है।
अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल परिक्षण करने वाले – उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के नए प्रतिबन्ध
न्यूयॉर्क: नवम्बर महीने के आखिर में अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परिक्षण करके अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने वाले उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने नए प्रतिबन्ध घोषित किए हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ के यह नए प्रतिबन्ध उत्तर कोरिया के ऊर्जा क्षेत्र, आयात, विदेशी कर्मचारी राजस्व और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्ष्य करने वाला है। अमरिका और मित्र देशों ने उत्तर कोरिया पर लगाए इन प्रतिबंधों का स्वागत किया है। अमरिकी लष्कर उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार रहे, ऐसा इशारा अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने दिया है।
उत्तर कोरिया अमरिका पर जैविक हमले की तैयारी में- जापानी अख़बार का दावा
टोकियो: अमरिका के प्रमुख शहरों को लक्ष्य बना सकते हैं, ऐसे अंतर्महाद्वीपीय मिसाइलों का परिक्षण करने के बाद उत्तर कोरिया ने अमरीका पर जैविक हमले की तैयारी की है। ‘एंथ्रेक्स’ के वाइरस बैलेस्टिक मिसाइल पर लादकर अमरीका पर प्रक्षेपित करने की योजना उत्तर कोरिया ने बनाई है। ‘एंथ्रेक्स’ अंतर्महाद्वीपीय मिसाइल पर लादकर मिसाइल परिक्षण करने की तैयारी भी उत्तर कोरिया ने करने का दावा ‘असाहि शिन्बुन’ इस जापानी अख़बार ने किया है। लेकिन उत्तर कोरिया ने इस आरोप को ख़ारिज किया है और अमरीका अपने ऊपर हमले के लिए बहाने ढूंढ रहा है, ऐसा पलटवार किया है।
‘वॉन्नाक्राय’ सायबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ- अमरिका एवं ब्रिटन की घोषणा
वॉशिंगटन: मई महीने में दुनिया के १५० देशों में ३ लाख से अधिक कंप्यूटर को झटका देने वाले, वॉन्नाक्राय इस सायबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ होने की घोषणा, अमरिका एवं ब्रिटन ने की है। इस हमले द्वारा हैकर्स ने करोड़ों डॉलर की फिरौती पाने का संदेह होकर जागतिक वित्त व्यवस्था को अब्जो डॉलर्स का फटका लगा था। इस सायबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया के लैझारेस ग्रुप इस हैकर्स गट का हाथ होने की जानकारी, अमरिका एवं ब्रिटन ने दी है और इस बारे में ठोस सबूत होने की बात कही है।
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