रशिया के विदेशी मुद्रा के भंडार पर अमरिका का कब्ज़ा, ‘आर्थिक युद्ध’ की घोषणा साबित हो सकती है – रशिया के वित्तमंत्री का इशारा
मॉस्को: ‘अमरिका के संभाव्य प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए रशिया का बजट तैयार है। फिर भी अमरिका ने इन प्रतिबंधों में रशिया के विदेशी मुद्रा के भंडार का समावेश किया, तो उसे रशिया के खिलाफ आर्थिक युद्ध की घोषणा मानी जाएगी’, ऐसा कठोर इशारा रशिया के वित्तमंत्री ‘अँटोन सिलूनोव्ह’ ने दिया है। रशिया पर नए प्रतिबन्ध लगाने के लिए अमरिका के सिनेटर्स की ओरसे जोरदार गतिविधियाँ शुरू हैं, यह खबर कुछ दिनों पहले ही प्रसिद्द हुई थी।
अमरिका के सिनेट ने रशिया पर नए प्रतिबन्ध लगाने की तैयारी शुरू करने का दावा किया जाता है। इन नए प्रतिबंधों में रशिया के सोने और आरक्षित विदेशी मुद्रा के भंडार को लक्ष्य बनाया जा सकता है, ऐसी कड़ी संभावना जताई जा रही है। लेकिन ‘अमरिका ने रशिया का सोना और विदेशी मुद्रा के भंडार को हडपने की कोशिश की तो वह भी आर्थिक आतंकवाद साबित होगा’, ऐसा इशारा सिलूनोव्ह ने ने दिया है। लेकिन अमरिका इस तरह की परिस्थिति निर्माण नहीं करेगा, ऐसा भरोसा रशिया के वित्तमंत्री ने जताया है।
२०१८ साल के आखिर तक ‘बिटकॉइन’ ४० हजार डॉलर्स तक पहुंचेगा – निवेशक और विश्लेषक माईक नोवोग्राट्झ की भविष्यवाणी
बर्लिन: ‘बिटकॉइन’ यह क्रिप्टोकरेंसी रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी लेकर १० हजार डॉलर्स का पड़ाव पार कर रही है, ऐसे में अगले साल के आखिर तक बिटकॉइन का दर ४० हजार डॉलर्स तक पहुंचेगा, ऐसी भविष्यवाणी निवेशक और विश्लेषक माईक नोवोग्राट्झ ने की है। नोवोग्राट्झ ने दो महीनों पहले ‘बिटकॉइन’ आर्थिक बुलबुला है, ऐसा इशारा देते हुए उसका मूल्य साल के आखिर तक १० हजार डॉलर्स का पड़ाव पार करेगा, ऐसा इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर उन्होंने की हुई नई भविष्यवाणी ध्यान आकर्षित करने वाली है।
‘सन २०१८ साल के आखिर तक बिटकॉइन का मूल्य ४० हजार डॉलर्स तक पहुँच जाएगा और यह आसानी से संभव है। इथिरियम इस क्रिप्टोकरेंसी का वर्तमान का मूल्य ५०० डॉलर्स के आसपास है। उसका मूल्य अगले साल के आखिर तक तीन गुना बढेगा’, ऐसी भविष्यवाणी नोवोग्राट्झ ने ने की है। वर्तमान में दुनिया के विविध क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य ३०४ अरब डॉलर्स तक पहुँचने की बात कही जा रही है। सन २०१८ के आखिर तक उसमे लगभग छः गुना बढ़ोत्तरी होने वाली है और ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का बाजार दो लाख करोड़ डॉलर्स तक पहुंचेगा, ऐसा भी नोवोग्राट्झ ने कहा है।
आनेवाले वर्षो मे कच्चे तेलों के दाम २५ फीसदी बढेंगे – ब्रिटन के भूतपूर्व मंत्री एवं वित्त तज्ञो का दावा
शिंगटन / लंडन: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास दर में होने वाली बढ़त एवं उसकी वजह से बढती तेल की मांग और सऊदी अरेबिया की गतिविधियां इस पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल के दाम आने वाले वर्ष में २५ फीसदी बढ़ेंगे, ऐसा दावा ब्रिटन के भूतपूर्व मंत्री एवं वित्ततज्ञ जिम ओनील ने किया है। पिछले ५ महीनों में तेल के दामों में लगभग ४० फ़ीसदी बढ़त हुई है और इस पृष्ठभूमि पर ओनिल का यह दावा ध्यान केंद्रित करने वाला है। इस महीने की शुरुआत में कुछ विश्लेषक एवं अर्थतज्ञ ने खाड़ी क्षेत्र के तनाव की पृष्ठभूमि पर तेल के दर प्रति बैरल १०० डॉलर्स जाने की आशंका जताई थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास की गति आहिस्ता बढ़ रहा है और इसपर बाजार की बारीकी से नज़र है। आनेवाले समय में अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था की गति ४ प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वित्त व्यवस्था की गति बढ़ने से कच्चे तेल की मांग में बढ़त होगी, ऐसा दावा जिम ओनील ने किया है। उसमें तेल के प्रमुख प्रदानकर्ता देश होने वाले सऊदी अरेबिया की गतिविधियों की वजह से व्यापारी चिंतित हैं। सऊदी के अंतर्गत तथा विदेश नीति में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। उससे निर्माण होने वाले खतरो का भार निवेशक तेल की दरों पर लाद रहे हैं, ऐसा ओनिल ने कहा है।
चीन की सोने के निवेश में बड़ी बढ़ोत्तरी
पिछले वर्ष की तुलना में ५७ प्रतिशत से सोने की खरीदारी बढ़ गई
बीजिंग: चीन में सोने की माँग में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ५७ प्रतिशत से बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले तीन महीनों में दुनिया में सोने की माँग में हुई कमी को देखा जाए, चीनी जनता का सोने में बढ़ता निवेश ध्यान आकर्षित करनेवाला है। इसके पहले जर्मनी और तुर्की की जनता ने सोने की खरीदारी और निवेश में बढ़ोत्तरी की थी। वैश्विक स्तरपर अस्थिरता की वजह से ही इन देशों ने सोने में निवेश बढाया है, यह बात सामने आई है।
‘वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल’ ने दी जानकारी के अनुसार चीन में सोने के सिक्के और ईटों में निवेश पिछले वर्ष की तुलना में लगभग ५७ प्रतिशत से बढ़ गया है। चीन में सोने के गहनों की खरीदारी १३ प्रतिशत से बढ़ गई है। हॉंगकॉंग के सोने के प्रमुख व्यापारियों ने अपनी बिक्री में पिछले छः महीनों की अवधि में करीब ४६ प्रतिशत से बढ़ोत्तरी होने की बात कही है। अन्य चीजों की तुलना में सोने के मूल्य स्थिर हैं, इस वजह से सोने की खरीदारी में बढ़ोत्तरी हुई होगी, ऐसा दावा चीनी विश्लेषक ने किया है। चीन में सोने की माँग बढ़ रही है, ऐसे में चीन के मध्यवर्ती बैंक ने अपने सोने के भंडार में बड़ी बढ़ोत्तरी करने की बात भी सामने आई है। सन २०१६ के अंत में चीन के मध्यवर्ती बैंक के भंडार में १२,१०० टन सोना था, यह खबर चीनी वृत्तसंस्था ने दी है।
सोने को मुद्रा में लानेवाला ‘ग्लिंट’ ऍप’ यूरोप में दाखिल
लंडन: सोने का वापस मुद्रा में इस्तेमाल करने का विकल्प उपलब्ध कराके देने वाला ‘ग्लिंट’ नाम का ऍप ब्रि्टन में शुरू हुआ है। ‘ग्लिंट’ इस कंपनी ने मास्टर कार्ड और ‘लोइड्स बैंकिंग ग्रुप’ की सहायता से यह नई व्यवस्था शुरू की है। इसके द्वारा सोने का इस्तेमाल करके व्यवहार किया जा सकता है। कुछ ग्राम तक अथवा उससे भी मात्रा में सोने का इस्तेमाल करने की आजादी ‘ग्लिंट’ ऍप द्वारा ग्राहकों को मिलने वाली है। सोने का मुद्रा के तौर पर शुरू हुआ यह इस्तेमाल मतलब ‘बिटकॉइन’ जैसे क्रिप्टोकरेंसी के सामने बहुत बड़ी चुनौती है, ऐसा दावा जानकार कर रहे हैं।
‘वैश्विक व्यवहार के इतिहास में सोना ही सबसे पुराना मुद्रा का माध्यम था। कागज के नोट व्यवहार से बाहर निकाले जा सकते हैं। लेकिन सोने के मामले में यह कदापि संभव नहीं है। क्योंकि सोने की विश्वासार्हता, स्वीकृति और संपत्ति के माध्यम के तौर पर सोने को दूसरा विकल्प नहीं हो सकता’, ऐसा कहकर ग्लिंट के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी और सह संपादक ‘जेसन कोझेन’ ने अपने नए ऍप का समर्थन किया है।
पिछले कुछ वर्षों से वैश्विक अर्थकारण में हो रही अधोगति और कुछ बड़े बैंक असफल हो रहे हैं, यह दृश्य पूरी दुनिया देख रही है। इस वजह से इस तरह के व्यवहार खतरे से खाली नहीं रहे हैं, इसका एहसास आम लोगों को हुआ है, इस बात की तरफ ‘जेसन कोझेन’ ने ध्यान आकर्षित किया है। इस वजह से अपने पैसे का मूल्य स्थिर नहीं रहने वाला, इसका एहसास जनता को हुआ है। इस वजह से सोने की तरफ जनता आकर्षित हो रही है, ऐसा दावा कोझेन ने किया है।
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