Aniruddha Bapu |
सद्गुरुतत्त्व की उपासना करने वाले श्रद्धावानों के मन में ‘यह मेरा सद्गुरु मेरा भला ही करने वाला है’ यह भाव रहता है। इस एकसमान भाव के कारण सामूहिक उपासना में सम्मिलित होनेवाले श्रद्धावानों को व्यक्तिगत उपासना की अपेक्षा उस सामूहिक उपासना से कई गुना अधिक लाभ मिलता है। साईनाथजी के ‘भजेगा मुझको जो भी जिस भाव से। पायेगा कृपा मेरी वह उसी प्रमाण से ॥’ , इस वचन के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १६ अक्टूबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं |
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend- samirsinh.com/sainath-says-i- render-to-each-one-according- to-his-faith/
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