Aniruddha Bapu |
किसी भी वस्तु, घटना या व्यक्ति के प्रति मनुष्य के अन्त:करणचतुष्टय से उद्भवित होने वाला जो प्रतिसाद, विचार, स्पन्द होता है, उस वस्तु, घटना या व्यक्ति के प्रति मनुष्य जो महसूस करता है, उसे भाव कहते हैं। मनुष्य यह भी अनुभव करता है कि बुद्धि और मन का भाव प्राय: परस्परविरोधी होता है। भाव की व्याख्या (Definition Of Bhaav) के बारे में सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १६ अक्टूबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं |
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