Aniruddha Bapu |
अन्य किसी को रोता देखकर आने वाले आँसू यह एक प्रकार की अभिव्यक्ति है। लेकिन कोई रो रहा है, तो सिर्फ़ उसकी रोने की उस क्रिया को देखकर उसके भाव के बारे में कहा नहीं जा सकता। महज क्रिया पर से भाव को नहीं जाना जा सकता, बल्कि उस क्रिया के पीछे रहने वाले हेतु और कारण से ही भाव का अनुमान किया जा सकता है, इस बारे में सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १६ अक्टूबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं |
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend-
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