मेरी बुद्धि में ही कुछ खोट है, मेरे पास बुद्धि ही कम है, यह कहकर अकसर मानव स्वयं को कोसते रहता है l भगवान ने सभी मानवों को एकसमान बुद्धि का वरदान दिया है, मानव उसका उपयोग कर अभ्यास के साथ उसे कितना बढाता है, इस बात पर ही उसका बुद्ध्यंक (Intelligence Quotient) निश्चित होता है l मानव के बुद्ध्यंक के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापु ने अपने दि. ०१ मई २०१४ के हिंदी प्रवचन में महत्त्वपूर्ण विवेचन किया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैंl
विडियो लिंक - http://aniruddhafriend-
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