परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापु ने गुरूवार १ मे २०१४ के हिंदी प्रवचन में भगवान से मन्नत मानना यह कोई लेन देन का व्यवहार नहीं है, बल्कि प्रेम से पितास्वरुप भगवान से प्रार्थना करना है, भगवान के प्रति कतज्ञता व्यक्त करना है। इसके बारे में बताया, वह आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं।
Courtesy - Samirsinh Dattopadhye You Tube
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