परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापुजी ने गुरूवार १७ अप्रैल २०१४ के हिंदी प्रवचन में शरीर की घृणा न करते हुए शरीर यह पुरुषार्थ करने के लिए सब से महत्त्वपूर्ण आद्य साधन है इस बात का ध्यान मनुष्य को रखना चाहिए। यह बात स्पष्ट की। वह आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं।
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