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संयुक्त राष्ट्रसंघ के नए प्रतिबन्ध मतलब युद्ध की घोषणा – उत्तर कोरिया की और एक धमकी
सेऊल: ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबन्ध लगाकर युद्ध की घोषणा की है। राष्ट्रसंघ के प्रतिबन्ध अमरिका के पक्ष में है’, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने दिया है। दौरान, उत्तर कोरिया के खिलाफ कभी भी युद्ध भड़क सकता है, ऐसा कहकर अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे। लेकिन रशिया ने उत्तर कोरिया का विवाद चर्चा करके सुलझाने की माँग की है।
अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल परिक्षण करने वाले – उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के नए प्रतिबन्ध
न्यूयॉर्क: नवम्बर महीने के आखिर में अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परिक्षण करके अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने वाले उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने नए प्रतिबन्ध घोषित किए हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ के यह नए प्रतिबन्ध उत्तर कोरिया के ऊर्जा क्षेत्र, आयात, विदेशी कर्मचारी राजस्व और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्ष्य करने वाला है। अमरिका और मित्र देशों ने उत्तर कोरिया पर लगाए इन प्रतिबंधों का स्वागत किया है। अमरिकी लष्कर उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार रहे, ऐसा इशारा अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने दिया है।
उत्तर कोरिया अमरिका पर जैविक हमले की तैयारी में- जापानी अख़बार का दावा
टोकियो: अमरिका के प्रमुख शहरों को लक्ष्य बना सकते हैं, ऐसे अंतर्महाद्वीपीय मिसाइलों का परिक्षण करने के बाद उत्तर कोरिया ने अमरीका पर जैविक हमले की तैयारी की है। ‘एंथ्रेक्स’ के वाइरस बैलेस्टिक मिसाइल पर लादकर अमरीका पर प्रक्षेपित करने की योजना उत्तर कोरिया ने बनाई है। ‘एंथ्रेक्स’ अंतर्महाद्वीपीय मिसाइल पर लादकर मिसाइल परिक्षण करने की तैयारी भी उत्तर कोरिया ने करने का दावा ‘असाहि शिन्बुन’ इस जापानी अख़बार ने किया है। लेकिन उत्तर कोरिया ने इस आरोप को ख़ारिज किया है और अमरीका अपने ऊपर हमले के लिए बहाने ढूंढ रहा है, ऐसा पलटवार किया है।
‘वॉन्नाक्राय’ सायबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ- अमरिका एवं ब्रिटन की घोषणा
वॉशिंगटन: मई महीने में दुनिया के १५० देशों में ३ लाख से अधिक कंप्यूटर को झटका देने वाले, वॉन्नाक्राय इस सायबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ होने की घोषणा, अमरिका एवं ब्रिटन ने की है। इस हमले द्वारा हैकर्स ने करोड़ों डॉलर की फिरौती पाने का संदेह होकर जागतिक वित्त व्यवस्था को अब्जो डॉलर्स का फटका लगा था। इस सायबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया के लैझारेस ग्रुप इस हैकर्स गट का हाथ होने की जानकारी, अमरिका एवं ब्रिटन ने दी है और इस बारे में ठोस सबूत होने की बात कही है।
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युरोपीय महासंघ ही युरोप के विनाश का जिम्मेदार – युरोपीय देशों के आक्रामक विचारधारा के नेताओं से टीका
प्राग: युरोपिय महासंघ यह यूरोप खंड की सबसे बड़ी आपत्ती एवं खतरा होकर महासंघ यूरोप का विनाश करने के लिए जिम्मेदार है, ऐसी कड़ी आलोचना यूरोप में आक्रामक बाएँ विचारधारा के नेताओं ने की है। शनिवार को झेक रिपब्लिक की राजधानी पर प्राग में ‘मूवमेंट फॉर यूरोप ऑफ नेशंस एंड फ्रीडम स्टेट’ से आयोजित बैठक में यूरोपीय महासंघ, शरणार्थियों की समस्या इन मुद्दों पर चर्चा हुई है। शुक्रवार को ऑस्ट्रिया में बाएँ विचारधारा के ‘फ्रीडम पार्टी’ का समावेश होने वाले सरकार स्थापन करने की घोषणा की गई है। इस पृष्ठभूमि पर शनिवार की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रशियन नौसेना के पास अमरिका और यूरोप के इन्टरनेट को तोड़ने की क्षमता – ब्रिटेन के रक्षा दल प्रमुख का इशारा
लंडन: अपारंपरिक और जानकारी युद्ध में वर्चस्व प्राप्त रशिया, यूरोप और अमरिका के बिच के इन्टरनेट को तोड़कर दोनों महाद्वीपों के बिच का संपर्क साथ ही व्यापार खंडित कर सकता है, ऐसा सनसनीखेज इशारा ब्रिटेन के रक्षादल प्रमुख ने दिया है। रशियन नौसेना का अटलांटिक महासागर में दिखाई देना बढ़ गया है और रशियन जंगी जहाज और पनडुब्बियां समंदर के नीचे से जाने वाली ‘इन्टरनेट केबल्स’ तोड़कर दोनों महाद्वीपों के बिच व्यवहार रोक सकते हैं, ऐसा ब्रिटिश रक्षादल के प्रमुख एअरचीफ मार्शल सर स्टुअर्ट पीच ने अपने इशारे में कहा है। ब्रिटेन के ‘पालिसी एक्सचेंज’ इस अभ्यास समूह की नई रिपोर्ट में भी इस इशारे की पुष्टि की गई है और उसका उल्लेख ‘न्यू फेनोमेनन ऑफ़ वारफेयर’ ऐसा किया गया है।
शरणार्थीयों के मुद्दे पर युरोपीय देशों मे दरार
ब्रूसेल्स: यूरोप में आनेवाले अवैध शरणार्थियों के झुंड कम हुए हैं, फिर भी इस मुद्दे पर यूरोपियन देशों में होनेवाला तनाव प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। गुरुवार एवं शुक्रवार को ब्रुसेल्स में हुई बैठक में यूरोपीय महासंघ के बीच बढ़ती दरार स्पष्ट तौर पर सामने आई है। जर्मनी के चांसलर ने सदस्य देशों ने अब तक अपनी धारणा नहीं बदली है, इन शब्दों में शरणार्थियों के मुद्दे पर करार करने में असफलता प्राप्त होने की बात स्पष्ट की है।
शरणार्थीयों की समस्या पर युरोपीय महासंघ से पोलंड के ‘एक्झिट’ के संकेत
वार्सा / ब्रुसेल्स: गुरुवार को ब्रूसेल्स शहर में होनेवाले यूरोपीय महासंघ के बैठक की पृष्ठभूमि पर यूरोपीय देशों में शरणार्थियों की समस्या एवं सदस्य देशों से बढ़ता विरोध यह मुद्दा फिर एक बार सामने आ रहा है। और इस बारे में दबाव डालने पर महासंघ से एक्झिट लेने का इशारा दिया है। पिछले हफ्ते में यूरोपियन कमीशन ने झेक रिपब्लिक के साथ एवं हंगेरी इन देशों के विरोध में शरणार्थियों के मुद्दे पर कानूनी कारवाई की प्रक्रिया शुरु की थी। इसकी वजह से प्रॉब्लम से दिए गए एक्झिट के संकेत महासंघ में दोहरे गट की शुरुआत होगी, ऐसा कहा जा रहा है।
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अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की ओर से जेरूसलेम इस्त्रायल की राजधानी घोषित
वॉशिंग्टन: ‘जेरूसलेम’ को इस्त्रायल की राजधानी घोषित कर के अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पूरी दुनिया में खलबली मचाई है। यह ऐतिहासिक निर्णय साबित हुआ है। अमरिका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस के पहले ही यह निर्णय लेना चाहिए था, ऐसा कहकर ट्रम्प ने इस निर्णय का समर्थन किया है। इस्त्रायल ने इस निर्णय का स्वागत किया है। फिलिस्तीन की जनता ने सडकों पर उतरकर इसका निषेध किया है। फिलिस्तीन में कई जगहों पर आगजनी हुई है और आने वाले समय में इस पर और भी तीव्र प्रतिक्रिया आने की संभावना है।
ट्रम्प के ‘जेरूसलेम’ निर्णय के बाद दुनिया भर से कड़ी प्रतिक्रिया
वॉशिंग्टन/तेहरान/ब्रुसेल्स: इस निर्णय की वजह से पहले से ही अस्थिर खाड़ी में हिंसक उलट पुलट होगी, ऐसा इशारा खाड़ी के नेताओं ने दिया है। यूरोपीय नेताओं ने भी हम अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के निर्णय से सहमत नहीं हैं, ऐसा कहा है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने बुधवार को जेरूसलेम को इस्त्रायल की राजधानी का दर्जा देने की घोषणा की थी। उसके बाद खाड़ी के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर से तीव्र प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई। पिछले कुछ महीनों से अमरिका के साथ संबंध पहले जैसे करने की कोशिश कर रहे सऊदी अरेबिया ने भी तीव्र नाराजगी व्यक्त की है।
राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अमरिका का दूतावास जेरूसलेम में स्थानांतरित करने की तैयारी में
वॉशिंग्टन: जेरूसलेम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अमरिका का दूतावास जेरूसलेम में स्थानांतरित करने की तैयारी कर रहे हैं। बुधवार को इसकी घोषणा की जाएगी, ऐसी संभावना ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने व्यक्त की है। इस सन्दर्भ में ट्रम्प ने इस्राइल के प्रधानमंत्री, पैलेस्टाइन के राष्ट्राध्यक्ष, जॉर्डन के राजा और इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष के साथ भी चर्चा की है, ऐसा कहा जा रहा है। ट्रम्प का यह विवादास्पद निर्णय दुनिया भर के इस्लाम धर्मियों को उकसाएगा, ऐसा इशारा सऊदी के राजा सलमान ने दिया है। साथ ही इस समस्या पर अमरिका में रहने वाले ज्यू धर्मियों के बिच भी मतभेद होने की बात सामने आई है।
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अगले युद्ध में इस्राइल हिजबुल्लाह प्रमुख को ही लक्ष्य बनाएगा – इस्राइली लष्कर का इशारा
जेरूसलेम: ‘अगले इस्त्राइल-हिजबुल्लाह के बिच हारजीत के मामले में स्पष्टरूपसे कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन इस युद्ध में इस्त्रैली लष्कर हिजबुल्लाह प्रमुख ‘हसन नसरल्ला’ को लक्ष्य किए बिना छोड़ेगा नहीं, यह बात स्पष्टरूपसे कही जा सकती है’, ऐसा इशारा इस्त्रैली लष्कर के प्रवक्ता ब्रिगेडीअर जनरल ‘रोनेन मानेलिस’ ने दिया है। इसके पहले ही इस्त्राइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ मानसिक दबाव तंत्र और सोशल मीडिया के माध्यम से युद्ध पुकारने की जानकारी ‘मानेलिस’ ने दी है।
इस्त्राइल के ‘एलात’ शहर में आयोजित की गयी एक बैठक में मानेलिस ने पत्रकारों को हिजबुल्लाह के खिलाफ चल रहे युद्ध की जानकारी दी। वर्तमान में यह युद्ध मानसिक दबाव तंत्र और मीडिया तक ही सीमित है। इसमें से मीडिया द्वारा चल रहे युद्ध में अपने दुश्मन पर प्रभाव बढाने के लिए प्रमुख प्रभाव की मीडिया साथ ही सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किए जाने की जानकारी, मानेलिस ने दी है।
इस्राइल की नौसेना की ओरसे ‘आयरन डोम’ का परीक्षण
आने वाले समय में हिजबुल्लाह, ईरान, सीरिया और हमास इस्त्राइल के खिलाफ युद्ध पुकार सकते हैं, ऐसा इशारा इस्त्राइल के लष्करी विश्लेषकों ने दिया है। इस पृष्ठभूमि पर, इस्त्राइल ने अपने लष्कर और हवाई दल को सतर्कता के इशारे दिए हैं और भूमध्य समुद्र की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए इस्त्राइल ने विनाशिका पर ‘आयर्न डोम’ इस स्वदेसी बनावट की मिसाइल भेदी यंत्रणा का परीक्षण किया है।
वर्तमान में इस्त्रैली लष्कर में काम कर रही ‘आयर्न डोम’ यह यंत्रणा लेबनोन, सीरिया साथ ही गाझापट्टी और इजिप्त सीमा के पास तैनात की गई है। मध्यम और छोटे अंतर के मिसाइलों के हमलों को नाकाम करने की क्षमता इस यंत्रणा में है। अब यह यंत्रणा इस्त्राइल ने नौसेना के लिए इस्तेमाल करने किए तैयारी की है और दो दिनों पहले ‘आईएनएस लहाव’ इस विनाशिका से इस यंत्रणा का परीक्षण किया गया है।
गाझापट्टी से हुए मॉर्टर हमले के बाद इस्राइल के गाझा पर हवाई हमले
जेरूसलेम: इस्त्राइल के टैंक और लड़ाकू विमानों ने गाझापट्टी में किए हवाई हमले में हमास और इस्लामिक जिहाद इन आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया गया है। कुछ घंटों पहले गाझा पट्टी से इस्त्राइल की सीमारेखा पर तैनात सुरक्षा चौकी को को लक्ष्य बनाते हुए आतंकवादियों ने करीब १२ मॉर्टर हमले किए थे। इन मॉर्टर हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए यह हवाई हमले करने की घोषणा इस्त्राइल ने की है।
इस्त्रैली लष्कर के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल ‘जोनाथन कॉनरिकस’ ने दी जानकारी के अनुसार, गुरुवार को गाझा पट्टी से इस्त्राइल के सीमा इलाके में मॉर्टर हमले हुए हैं। इस जगह पर इस्त्राइल के सैनिक और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा दीवार निर्माण कर रहे इस्त्रैली कर्मचारी उपस्थित थे। इन मॉर्टर हमलों में इस्त्रैली लष्कर की जीवितहानि नहीं हुई है, लेकिन इसमें लष्करी चौकियों का बड़ा नुकसान हुआ है।
हालही का ईरान हिटलर के नाझी जर्मनी जैसा – इस्राइल के प्रधानमंत्री की टीका
जेरूसलम: हिटलर के नेतृत्व का जर्मनी और हालही का ईरान इसमें बहुत समानता है। हिटलर के जर्मनी जैसे ईरान की सल्तनत भी ज्यू धर्मियों का संहार करने के लिए वचनबद्ध है, ऐसा कहकर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने फिर एक बार ईरान पर कड़ी आलोचना की है। ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्ला खामेनी मतलब खाड़ी क्षेत्र में उदय हो रहा नया हिटलर है, यह बात सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कही थी। उस का दाखिला देते हुए इस्राइल के प्रधानमंत्री ने इन आरोपों का समर्थन किया है।
अमरिका के वॉशिंगटन में ‘ब्रूकिंग्स इंस्टिट्यूट’ इस प्रख्यात अभ्यास गटने आयोजित किए सबान परिषद मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संबोधित करते हुए नेत्यान्याहू ने ईरान पर जमके टीका की है। हिटलर की जर्मनी और हालही का ईरान इस में समानता है। दोनों सल्तनत ने अपने देशों में आतंक निर्माण किया है। तथा दोनों सल्तनत ज्यू धर्मियों के विनाश के लिए वचनबद्ध हैं, ऐसा इस्राइली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने कहा है।
इस्रायल के सिरियन राजधानी मे हवाई हमले, ईरान का लश्करी तल तबाह १२ इरानी सैनिक ढेर
रूसलेम: इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने सिरियन राजधानी दमास्कस के पास मिसाइलों से जोरदार हमला किया। इस्रायली विमानों ने किए इस कारवाई में ईरान के लष्करी तल और शस्त्रास्त्र गोदाम नष्ट हुआ है और इस में ईरान के १२ सैनिक ढेर होने का दावा किया जा रहा है। इस हमले के बाद इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने सिरिया तथा ईरान को संबोधित करके एक इशारा प्रसिद्ध किया है। सिरिया में ईरान की तैनाती और परमाणु सज्जता ईरान, इस्रायल कदापि सहन नहीं करेगा ऐसा नेत्यान्याहू ने सूचित किया है। दौरान लेबनीज वृत्त माध्यम में प्रसिद्ध किए जानकारी के अनुसार इस्रायल ने इस लष्करी तल की दिशा से दागा एक मिसाइल सिरिया में तैनात रशियन मिसाइल भेदी यंत्रणा ने नष्ट किया है।
सिरिया में सरकार से संबंधित जाना और ब्रिटन स्थित मानवाधिकार संगठनों ने दिए जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह सिरियन राजधानी के पास मिसाइलों का भडिमार किया। इस्रायली विमानों ने लेबनॉन की सीमा रेखा में रहकर सिरियन राजधानी पर हमले करने की बात ऑस्ट्रेलियन वृत्त माध्यम ने कही है।
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रशिया के विदेशी मुद्रा के भंडार पर अमरिका का कब्ज़ा, ‘आर्थिक युद्ध’ की घोषणा साबित हो सकती है – रशिया के वित्तमंत्री का इशारा
मॉस्को: ‘अमरिका के संभाव्य प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए रशिया का बजट तैयार है। फिर भी अमरिका ने इन प्रतिबंधों में रशिया के विदेशी मुद्रा के भंडार का समावेश किया, तो उसे रशिया के खिलाफ आर्थिक युद्ध की घोषणा मानी जाएगी’, ऐसा कठोर इशारा रशिया के वित्तमंत्री ‘अँटोन सिलूनोव्ह’ ने दिया है। रशिया पर नए प्रतिबन्ध लगाने के लिए अमरिका के सिनेटर्स की ओरसे जोरदार गतिविधियाँ शुरू हैं, यह खबर कुछ दिनों पहले ही प्रसिद्द हुई थी।
अमरिका के सिनेट ने रशिया पर नए प्रतिबन्ध लगाने की तैयारी शुरू करने का दावा किया जाता है। इन नए प्रतिबंधों में रशिया के सोने और आरक्षित विदेशी मुद्रा के भंडार को लक्ष्य बनाया जा सकता है, ऐसी कड़ी संभावना जताई जा रही है। लेकिन ‘अमरिका ने रशिया का सोना और विदेशी मुद्रा के भंडार को हडपने की कोशिश की तो वह भी आर्थिक आतंकवाद साबित होगा’, ऐसा इशारा सिलूनोव्ह ने ने दिया है। लेकिन अमरिका इस तरह की परिस्थिति निर्माण नहीं करेगा, ऐसा भरोसा रशिया के वित्तमंत्री ने जताया है।
२०१८ साल के आखिर तक ‘बिटकॉइन’ ४० हजार डॉलर्स तक पहुंचेगा – निवेशक और विश्लेषक माईक नोवोग्राट्झ की भविष्यवाणी
बर्लिन: ‘बिटकॉइन’ यह क्रिप्टोकरेंसी रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी लेकर १० हजार डॉलर्स का पड़ाव पार कर रही है, ऐसे में अगले साल के आखिर तक बिटकॉइन का दर ४० हजार डॉलर्स तक पहुंचेगा, ऐसी भविष्यवाणी निवेशक और विश्लेषक माईक नोवोग्राट्झ ने की है। नोवोग्राट्झ ने दो महीनों पहले ‘बिटकॉइन’ आर्थिक बुलबुला है, ऐसा इशारा देते हुए उसका मूल्य साल के आखिर तक १० हजार डॉलर्स का पड़ाव पार करेगा, ऐसा इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर उन्होंने की हुई नई भविष्यवाणी ध्यान आकर्षित करने वाली है।
‘सन २०१८ साल के आखिर तक बिटकॉइन का मूल्य ४० हजार डॉलर्स तक पहुँच जाएगा और यह आसानी से संभव है। इथिरियम इस क्रिप्टोकरेंसी का वर्तमान का मूल्य ५०० डॉलर्स के आसपास है। उसका मूल्य अगले साल के आखिर तक तीन गुना बढेगा’, ऐसी भविष्यवाणी नोवोग्राट्झ ने ने की है। वर्तमान में दुनिया के विविध क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य ३०४ अरब डॉलर्स तक पहुँचने की बात कही जा रही है। सन २०१८ के आखिर तक उसमे लगभग छः गुना बढ़ोत्तरी होने वाली है और ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का बाजार दो लाख करोड़ डॉलर्स तक पहुंचेगा, ऐसा भी नोवोग्राट्झ ने कहा है।
आनेवाले वर्षो मे कच्चे तेलों के दाम २५ फीसदी बढेंगे – ब्रिटन के भूतपूर्व मंत्री एवं वित्त तज्ञो का दावा
शिंगटन / लंडन: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास दर में होने वाली बढ़त एवं उसकी वजह से बढती तेल की मांग और सऊदी अरेबिया की गतिविधियां इस पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल के दाम आने वाले वर्ष में २५ फीसदी बढ़ेंगे, ऐसा दावा ब्रिटन के भूतपूर्व मंत्री एवं वित्ततज्ञ जिम ओनील ने किया है। पिछले ५ महीनों में तेल के दामों में लगभग ४० फ़ीसदी बढ़त हुई है और इस पृष्ठभूमि पर ओनिल का यह दावा ध्यान केंद्रित करने वाला है। इस महीने की शुरुआत में कुछ विश्लेषक एवं अर्थतज्ञ ने खाड़ी क्षेत्र के तनाव की पृष्ठभूमि पर तेल के दर प्रति बैरल १०० डॉलर्स जाने की आशंका जताई थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास की गति आहिस्ता बढ़ रहा है और इसपर बाजार की बारीकी से नज़र है। आनेवाले समय में अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था की गति ४ प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वित्त व्यवस्था की गति बढ़ने से कच्चे तेल की मांग में बढ़त होगी, ऐसा दावा जिम ओनील ने किया है। उसमें तेल के प्रमुख प्रदानकर्ता देश होने वाले सऊदी अरेबिया की गतिविधियों की वजह से व्यापारी चिंतित हैं। सऊदी के अंतर्गत तथा विदेश नीति में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। उससे निर्माण होने वाले खतरो का भार निवेशक तेल की दरों पर लाद रहे हैं, ऐसा ओनिल ने कहा है।
चीन की सोने के निवेश में बड़ी बढ़ोत्तरी
पिछले वर्ष की तुलना में ५७ प्रतिशत से सोने की खरीदारी बढ़ गई
बीजिंग: चीन में सोने की माँग में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ५७ प्रतिशत से बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले तीन महीनों में दुनिया में सोने की माँग में हुई कमी को देखा जाए, चीनी जनता का सोने में बढ़ता निवेश ध्यान आकर्षित करनेवाला है। इसके पहले जर्मनी और तुर्की की जनता ने सोने की खरीदारी और निवेश में बढ़ोत्तरी की थी। वैश्विक स्तरपर अस्थिरता की वजह से ही इन देशों ने सोने में निवेश बढाया है, यह बात सामने आई है।
‘वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल’ ने दी जानकारी के अनुसार चीन में सोने के सिक्के और ईटों में निवेश पिछले वर्ष की तुलना में लगभग ५७ प्रतिशत से बढ़ गया है। चीन में सोने के गहनों की खरीदारी १३ प्रतिशत से बढ़ गई है। हॉंगकॉंग के सोने के प्रमुख व्यापारियों ने अपनी बिक्री में पिछले छः महीनों की अवधि में करीब ४६ प्रतिशत से बढ़ोत्तरी होने की बात कही है। अन्य चीजों की तुलना में सोने के मूल्य स्थिर हैं, इस वजह से सोने की खरीदारी में बढ़ोत्तरी हुई होगी, ऐसा दावा चीनी विश्लेषक ने किया है। चीन में सोने की माँग बढ़ रही है, ऐसे में चीन के मध्यवर्ती बैंक ने अपने सोने के भंडार में बड़ी बढ़ोत्तरी करने की बात भी सामने आई है। सन २०१६ के अंत में चीन के मध्यवर्ती बैंक के भंडार में १२,१०० टन सोना था, यह खबर चीनी वृत्तसंस्था ने दी है।
सोने को मुद्रा में लानेवाला ‘ग्लिंट’ ऍप’ यूरोप में दाखिल
लंडन: सोने का वापस मुद्रा में इस्तेमाल करने का विकल्प उपलब्ध कराके देने वाला ‘ग्लिंट’ नाम का ऍप ब्रि्टन में शुरू हुआ है। ‘ग्लिंट’ इस कंपनी ने मास्टर कार्ड और ‘लोइड्स बैंकिंग ग्रुप’ की सहायता से यह नई व्यवस्था शुरू की है। इसके द्वारा सोने का इस्तेमाल करके व्यवहार किया जा सकता है। कुछ ग्राम तक अथवा उससे भी मात्रा में सोने का इस्तेमाल करने की आजादी ‘ग्लिंट’ ऍप द्वारा ग्राहकों को मिलने वाली है। सोने का मुद्रा के तौर पर शुरू हुआ यह इस्तेमाल मतलब ‘बिटकॉइन’ जैसे क्रिप्टोकरेंसी के सामने बहुत बड़ी चुनौती है, ऐसा दावा जानकार कर रहे हैं।
‘वैश्विक व्यवहार के इतिहास में सोना ही सबसे पुराना मुद्रा का माध्यम था। कागज के नोट व्यवहार से बाहर निकाले जा सकते हैं। लेकिन सोने के मामले में यह कदापि संभव नहीं है। क्योंकि सोने की विश्वासार्हता, स्वीकृति और संपत्ति के माध्यम के तौर पर सोने को दूसरा विकल्प नहीं हो सकता’, ऐसा कहकर ग्लिंट के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी और सह संपादक ‘जेसन कोझेन’ ने अपने नए ऍप का समर्थन किया है।
पिछले कुछ वर्षों से वैश्विक अर्थकारण में हो रही अधोगति और कुछ बड़े बैंक असफल हो रहे हैं, यह दृश्य पूरी दुनिया देख रही है। इस वजह से इस तरह के व्यवहार खतरे से खाली नहीं रहे हैं, इसका एहसास आम लोगों को हुआ है, इस बात की तरफ ‘जेसन कोझेन’ ने ध्यान आकर्षित किया है। इस वजह से अपने पैसे का मूल्य स्थिर नहीं रहने वाला, इसका एहसास जनता को हुआ है। इस वजह से सोने की तरफ जनता आकर्षित हो रही है, ऐसा दावा कोझेन ने किया है।