राजस्थान के अलवार जिला में रहनेवाले इम्रान खानजी शुक्रवार की रात को कभी भूला नहीं सकतें हैं । उस दिन वो हमेशा की तरह सो गए थे । इम्रानजी के मकान में टीव्ही ही नही है, तो सोने के पहले टीव्ही देखने को कोई सवालही पैदा नहीं होता है । किंतु वे जब सो रहे होगें, तब ऐसे कुछ भी अनहोनी घटना हो जाएगी, ऐसा कभी उन्होंने सपने में भी सोचा नहीं था । दूसरे दिन सुबह से उन्हे उनके दोस्तोंके फोन आ रहे थे और संदेशे भी आ रहे थे । वो यह बात जान ही नहीं पा रहे थे कि उन्हे उनके अपने दोस्त बधाई क्यों दे रहे है ? पर दोस्तों के बधाई देने का कारण पता चलने पर वो खुशी से फूले नहीं समा रहे थे । बार बार वो यह सब घटना सच है ना, कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूँ, इस बात का यकीन अपने आप को दिला रहें थे ।
ब्रिटन के वेम्बले मैदान (स्टेडियम) में अनिवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदीजी ने जो भाषण किया था , उसमें उन्होने इम्रानजी की तारीफ की थी । जो लोगों ने शुक्रवार रात का प्रधानमंत्री मोदीजी का भाषण सुना होगा , उन्हें इम्रानजी ने असल में क्या किया है , इसकी जानकारी अवश्य ही होगी । इम्रानजी ने लगभग 52 मोबाइल ऐप की खोज की है, जो शिक्षा के क्षेत्र से जुडे हुए है ।
३७ साल उम्र के इम्रानजी अलवारा के स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात है । उल्लेखनीय बात यह है कि इम्रानजी के मकान में टीव्ही नहीं है, बल्कि कंप्यूटर है, जब कि उन्होंने कंप्यूटर की कोई ढंग की पढाई भी नहीं की है । पर वे उनका बहुत सा समय इंटरनेटपर तंत्रज्ञान के बारे में जानकारी हासिल करने में बिताते थे । साथ ही साथ उन्होंने इंजीनियरिंग कर रहे अपने भाई की किताबें भी रुची से और लगन से पढ़ीं हैं । उन्होंने नेट और किताबों के जरिए वेबसाइट डिजाइन और ऐप बनाने की जानकारी पाकर, २००९ साल में अपनी खुद की वेबसाइट बनायी थी । उसके बाद कई लोगोंने उन्हें ऐप्स बनाने की सलाह दी थी । २०१२ साल में इम्रानजीने नौवी कक्षा के छात्रों के लिए ’एनसीईआरटी लर्न सायन्स’ नाम का ऐप निर्माण किया था और उनके इस ऐप का काफी लोगों ने प्रयोग किया था । उसके बाद ३ सालों में उन्होंने लगभग ५२ ऐप्स निर्माण किए है , जो सारे के सारे शिक्षा क्षेत्र से जुडे है और गुगल प्ले स्टोअरमें मुफ्त में उपलब्ध भी हैं । गुगल प्ले स्टोअरमें ’जीकेटॉक’ नाम से खोजने पर इम्रानजी के सारे ऐप्स मिलतें हैं और आप उन्हें आसानी से डाऊनलोड भी करवा सकतें हैं । सारे जग से लेकर राजस्थान तक का सामान्य ज्ञान आप इस ऐप्स में पा सकतें हैं । साथ ही साथ ‘जनरल सायन्स इन हिंदी’, ‘एज्युकेशन अॅप्स’, ‘हिस्ट्री जीके इन हिंदी’ ‘राजस्थान प्रशासकीय सेवा’ ऐसे तरह कि विभिन्न ऐप्स भी उपलब्ध हैं । इम्रानजी बतातें है कि ‘जनरल सायन्स इन हिंदी’ यह ऐप अभी तक ७ लाख लोगोंने डाऊनलोड किया है और ५२ ऐप्स ३० लाख से अधिक लोगोंने डाऊनलोड किया है । इम्रानजी के इन्ही ऐप्स की जानकारी सोशल मिडीया में आने पर ऐप्स डाऊनलोड करनेवालों की गिनती और भी जादा तादात में बढेगी ।
इम्रानजी खुद एक शिक्षक होने की वजह से उन्हे शिक्षा के क्षेत्र से काफी लगाव है । शिक्षा का महत्त्व एक शिक्षक के सिवा और दूसरा कौन बेहतर समझा सकता है ? इसिलिए इम्रानजीने अपने सारे के सारे ऐप्स शिक्षा के क्षेत्र को समर्पित किए हैं । यह ऐप्स देश के हर छात्र को, खास कर के कम्पटीशन में सहभाग लेनेवाले छात्रों के लिए पढाई आसान करने के लिए बहुत ही फाय़देमंद बन सकतें हैं । आज कल के छात्रोंकी युवा पिढी किताबों से जादा मोबाईल में दिलचस्पी दिखा रही है, इस बात को मद्दे नजर रखतें हुए शिक्षा क्षेत्र से संबंधित ऐप्स अधिकतम मात्रा में उपलब्ध होने से , उनका लाभ बहुत जादा बच्चे ले सकतें हैं । एक विशेष बात यह भी है कि इम्रानजी ने निर्माण किए हुए ऐप्स हिंदी में भी उपलब्ध हैं ।
विदेश में जाकर प्रधानमंत्रीने इम्रानजी के कार्य की सराहना करनेसे, सारे स्तरोंपर उनकी तारीफ की जा रही है , उन पर शुभेच्छा संदेशो की बौछार हो रही है और उनकी भेंट लेने लोगों की भीड लगी है । ’मैंने छोटीसी कोशिश की थी, पर प्रधानमंत्रीजी ने मेरी तारीफ करने से मुझे बहुत खुशी हो रही है, मैं अच्छा एहसास महसूस कर रहा हूँ ’ ऐसी भावना इम्रानजीने दर्शायी है ।
इम्रानजी बार बार यु- टयुबपर प्रधानमंत्रीजी का भाषण सुनकर सही में उन्होने मेरी ही तारीफ की थी ना इस बात को सत्यापित कर रहें है क्यों की बहुत समय बितने के बाद पर उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था ।
सच में देखा जाए तो एक छोटे से देहात के इंसान ने किया हुआ यह कार्य बहुत ही तारीफ के पात्र है । केंद्र सरकार द्वारा प्रक्षेपित किए जानेवाले ’ डिजीटल इंडिया ’ कार्यक्रम के दौरान देश के छोटे से छोटे देहातों में (ग्रामों में ) इंटरनेट की सुविधा उललब्ध कर देना यह अग्रिम (मुख्य) उद्देश्य है । इसपर गौर करने पर अलवार जैसे छोटे से जिला के देहात में रहकर इम्रानजीने तंत्रज्ञान के क्षेत्र में किए हुए इस कार्य का महत्त्व असाधारण ही है।
इम्रानजी के इस कार्य की जानकारी दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसादजीने हासिल कर ली है और हौसला अफजाई के रूप में उन्होंने इम्रानजी को इंटरनेट सुविधा मुफ्त में देने के आदेश बीएसएन कंपनी को दिए है , जिससे इम्रानजी जादा से जादा उपयुक्त ऐप्स निर्माण कर सकेंगे और शिक्षा क्षेत्र में खुले स्वरूप से अपना योगदान दे सकेंगें ।
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