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आगामी सैनिक – ‘स्नायपर ड्रोन’

युद्ध सिर्फ युद्धभूमि तक ही सीमीत नहीं है, यह आज इस नए युग में सभी जानते है। पारम्परिक प्रकार के युद्ध की गति तेज होकर अब सायबर युद्ध, व्यापार युद्ध, अंतरिक्ष युद्ध, नगरीय युद्ध, इत्यादि बन गया है। इस के अतिरिक्त, आत्याधुनिक रोबोट्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआय) यह आधुनिक युद्ध नीति में अग्रणी तकनीक के तौर पर उजागर हुए हैं। संरक्षण के साथ लगभग सभी क्षेत्रों में रोबोट्स और ‘एआय’ इंसानों का स्थान ले रहे है।
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Image Courtesy:blogs.discovermagazine.com
इन प्रगत रोबोट्स और ड्रोन्स की वजह से अब अपने लष्कर को जोखिम में न डालते हुए और व्यस्त न करते हुए भी मिलों दूर होनेवाले जगहों पर निशाना साधा जा सकता है। इस्रायली रक्षा दल के दिग्गजों ने स्थापित किये ‘ड्यूक रोबोटिक्स’ इस नए उद्यमी कम्पनी ने ‘तिकड़’ इस बहु अवर्तनीय स्नायपर ड्रोन का निर्माण किया है। यह ड्रोन विविध प्रकार के शस्त्रास्त्रों जैसे की स्नायपर रायफल, ग्रेनेड लौंचर, मशीन गन, इत्यादि साथ ले जाने में सक्षम है। यह ड्रोन, बड़े ड्रोन जैसे ‘प्रीडेटर’ या ‘रीपर’ ड्रोन्स की तरह अधिकतम समय तक उड़ान करने में और नागरिकों एवं संपत्ति को खतरे में न डालते हुए बड़े क्षेत्रों पर हमला कर सकता है।
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Image Courtesy:blogs.discovermagazine.com
‘तिकड़’ ड्रोन की अपनी कार्यक्षम सिद्धता स्पष्ट करते समय भीड़-भाड्वाले क्षेत्रों में नागरिकों की जान को ख़तरा न पहुँचाते हुए अपने शत्रुओं पर सही निशाना साधने की विलक्षण क्षमता प्राप्त है। विविध शस्त्रास्त्रों को लेकर अधिकतम समय तक उड़ान करना इस विशेषता के साथ ‘तिकड़’ किसी भी वातावरण एवं परिस्थितियों में दुश्मनों के शस्त्र द्वारा होनेवाले हमलों को अवशोषित करने का कार्य ऎन मौके पर निश्चित समय के अन्तर्गत हर दिशा में घूमता रोबोटिक जिम्बल करता है। साथ ही, वह जिम्बल अपने वजन से तीन गुनाअधिक वजन के शस्त्र उठाकर भी अत्यंत कुशल एवं विश्वसनीय कार्य करने में सक्षम है।
इस के व्यतिरिक्त, तिकड़ यह मानव संचालित ड्रोन होकर उसे कार्यान्वित करने का निर्णय पूर्णरूप से इंसानी हाथों पर निर्भर है जिससे स्वयंचालित होनेवाले नुकसानों को नियंत्रित किया जा सकता है।पर ‘तिकड़’ ड्रोन में सैनिको का स्थान लेने की क्षमता है। इसलिए, इसके निर्माणकर्ताओ ने इसे ‘आगामी सैनिक’ कहा है। ‘ड्यूक रोबोटिक्स इन्क’ इस स्टार्ट-अप कंपनी का स्लोगन – ‘No Boots on the Ground’ (मानवीय सोल्जर की ज़रूरत नहीं), यह उनकी आधुनिक युद्ध के बारे में दूरदृष्टि स्पष्ट करता है।
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अब तक ऐसा देखा जा रहा है कि आधुनिकतम होते हुए भी किसी भी देश के लष्कर को स्वयंचलित रोबोट्स या ड्रोन्स से जानलेवा हमला करने का अधिकार नहीं दिया गया है। दुनिया में युद्धखोरी में ‘तीसरी क्रांति’ न हो इस डर से ‘टेस्ला’ के इलोन मस्क और अन्य ११६ उद्योजकों ने इस स्वयंचलित जानलेवा ड्रोन्स पर बंदी लाने की मांग की है। दूसरे बुद्धिजीवी उद्यमी ‘जैक मा’ ने भी ‘एआय’ की वजह से तीसरा महायुद्ध भड़कने का डर व्यक्त किया है।
आश्चर्यजनक बात यह है कि, ड्यूक रोबोटिक्स यह किसी दिन लष्कर द्वारा ‘तिकड़’ ड्रोन के उपयोग से सामने आनेवाले बाधाओं को हटाते हुए अपने लक्ष्य को नष्ट करने की कल्पना करते हैं। इस्राइल रक्षा मंत्रालय से इन स्नायपर ड्रोन्स की मांग हो रही है और इस ड्रोन्स के निर्माणकर्ताओं ने पेंटागौन में भी इसके बारे में प्रस्ताव दिया है ऐसी बात कही जा रही है।

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