जीवन
में भगवान को प्राथमिकता देनी चाहिए । मैं भगवान के घर में रहता हूँ, यह
भाव रहना चाहिए l जो मेरा है वह भगवान ने ही मुझे दिया हुआ है, इसलिए मेरा
जो कुछ भी है वह भगवान का है, मैं भगवान का हूँ, इस भाव के साथ श्रद्धावान
के द्वारा की गयी भगवद्भक्ति को एकविधा भक्ति (Ekavidha Bhakti) कहते हैं,
यह बात सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापु ने अपने दि. 4 मार्च 2004 के प्रवचन
में बतायी, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
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