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‘मातृवात्सल्यविन्दानम्’ त्रिंशोऽध्याय: का याने अध्याय ३० का नाम उस अध्याय के अन्त में ‘दत्तमंगलचण्डिकाप्रकटनम्’ यह छपा है। वहॉं पर ‘दत्तमंगलचण्डिकाप्रकटनकारणम्’ ऐसा परिवर्तन करें और ‘मातृवात्सल्यविन्दानम्’ एकत्रिंशोऽध्याय: का यानी अध्याय ३१ का नाम उस अध्याय के अन्त में ‘गुरुभक्तिमहिमानम्’ यह छपा है। वहॉं पर ‘दत्तमंगलचण्डिकाप्रकटनम् तथा गुरुभक्तिमहिमानम्’ यह परिवर्तन करें।
अध्याय ३० – ‘दत्तमंगलचण्डिकाप्रकटनकारणम्’
अध्याय ३१ – ‘दत्तमंगलचण्डिकाप्रकटनम् तथा गुरुभक्तिमहिमानम्’
श्रद्धावान ‘मातृवात्सल्यविन्दानम्’ ग्रन्थ की अपनी कापी में ऊपर निर्दिष्ट किये गये परिवर्तन कर लें और इसके बाद उन अध्यायोंके नाम ऊपर निर्दिष्ट नामोंके अनुसार पढें।
यह परिवर्तन ‘पुण्यक्षेत्रम्’ के कार्य के आरंभ के कारण किया जा रहा है – सद्गुरु श्री अनिरुद्ध की आज्ञा के अनुसार।
॥ हरि ॐ ॥ श्रीराम ॥ अंबज्ञ ॥
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चीन की घुसपैठ रोकने के लिए भारत की तैयारी; लदाख मे ८ हजार सैनिक तैनात
नई दिल्ली: डोकलाम के विवाद में वापसी करने पर विवश हुए चीन से इस असफलता का बदला लेने की तैयारी शुरू हुई है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अपने कारकीर्दगी के दूसरे सत्र में डोकलाम जैसे समस्याओं का सीधा सामना करेंगे, ऐसा कहकर चीनी विश्लेषक भारत को नए घुसपैठ का इशारा दे रहे हैं। भारत ने भी इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयारी बढाई है। जम्मू कश्मीर के लद्दाख में भारत ने लगभग ८ हजार जवानों की तैनाती करने का वृत्त है। भूतान, भारत एवं चीन इन तीनो देशो की सीमा रेखा से जुड़े डोकलाम इस सीमा भाग में चीनी सैनिकों के रास्ते निर्माण पर भारत ने आक्षेप लिया था।
‘इंडो-पॅसिफ़िक’ क्षेत्र में अमरिका के सामने चीन की चुनौती, भारत का सहकार्य – अमरिकी अधिकारी का दावा
वॉशिंगटन: अमरिका को ‘इंडो-पॅसिफ़िक’ क्षेत्र में अपने हितसंबंधों को सुरक्षित रखना है, तो इस क्षेत्र में उदय हो रही चीन की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, ऐसा इशारा अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी रैंडाल श्रायव्हर ने दिया है। अमरिकी संसद की ‘आर्म्ड सर्विसेज कमिटी’ के सामने बोलते समय श्रायव्हर ने आशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमरिकी हितसंबंध और चीन की महत्वाकांक्षा परस्पर विरोधी होने की वजह से बार बार झगडे होंगे, ऐसा इशारा दिया है। लेकिन इसी दौरान उन्होंने अमरिका की भारत के साथ रक्षा विषयक हिस्सेदारी का महत्व भी श्रायव्हर ने अधोरेखित किया है।
राष्ट्रपति के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन का आक्षेप
बीजिंग: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन ने आक्षेप लिया है। इस दौरे से द्विपक्षीय संबंधों पर परिणाम होंगे, ऐसा इशारा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कैंग ने दिया है। इन दौरों की वजह से भारत के चीन से साथ संबंध अधिक उलझनभरे बनने की टिप्पणी भी, कैंग ने की है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर भी चीन ने आक्षेप जताया था। रविवार को राष्ट्रपति कोविंद अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर थे, इस पर चीन से अपेक्षित प्रतिक्रिया आई है। अरुणाचल प्रदेश यह दक्षिण तिबेट होकर यह चीन का भूभाग होने का दावा चीन कर रहा है।
पाकिस्तान ने ‘रॉ’ पर किये आरोपों का चीन द्वारा खंडन
बीजिंग: चीन एवं पाकिस्तान में विकसित हो रहे ‘इकनोमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) परियोजना के विरोध में भारत षड्यंत्र कर रहा है, ऐसा आरोप पाकिस्तान ने किया था। भारत की गुप्तचर संघटना ‘रॉ’ ने प्रस्तुत प्रकल्प रोकने के लिए ५० करोड़ डॉलर्स का प्रावधान करने का आरोप पाकिस्तानी लष्कर के जनरल हयात ने किया था। पर इस पाकिस्तान के आरोप को चीनने अमान्य करके पाकिस्तान को जोरदार धक्का दिया है। ‘सीपीईसी’ प्रकल्प की वजह से पाकिस्तान का भविष्य जरुर बदलेगा। इसकी वजह से पाकिस्तान का बढ़ रहा महत्व भारत को मंजूर नहीं, इसलिए भारत में सीपीइसी प्रकल्प के विरोध में षड्यंत्र शुरू किया है और भारत की गुप्तचर संघटना ‘रॉ’ ने इसके विरोध में स्वतंत्र विभाग तैयार किया है।
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खाड़ी प्रचंड विस्फोट की दहलीज पर खड़ा है – अमरिकी विश्लेषक का इशारा
वॉशिंगटन/रियाध: लेबनॉन के प्रधानमंत्री का इस्तीफा, येमेन के सऊदी अरेबिया पर हमले और सऊदी राजपुत्र की ओर से देश के प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ चल रही कारवाई, यह घटनाएं खाड़ी एक बड़े विस्फोट के नजदीक है इसके संकेत देने वाली हैं, ऐसा इशारा अमरिका के विश्लेषक रॉबर्ट मेली ने दिया है। ‘इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप’ के अभ्यास समूह में उपाध्यक्ष के तौर पर कार्य करने वाले मेली ने भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के कार्यकाल में खाड़ी और उत्तर अफ्रीका विभाग के ‘कोऑर्डिनेटर’के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी।
गोलन पहाड़ियों की सीमा के पास इस्राइल ने सीरिया का ड्रोन गिराया
जेरूसलेम: इस्राइल की गोलन पहाड़ियों के सीमा इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे सीरियन लष्कर के ड्रोन को गिराने की घोषणा इस्राइल लष्कर ने की है। ‘पैट्रियट’ इस मिसाइल भेदी यंत्रणा ने इस ड्रोन को गिराने का दावा किया जा रहा है। इस ड्रोन पर हमला करने से पहले रशियन लष्कर से संपर्क करके जानकारी देने की बात इस्राइली लष्कर ने कही है। दौरान, सीरिया से इस्राइल पर होने वाले हमलों के लिए सीरिया की अस्साद सल्तनत जिम्मेदार होगी और हर हमले को जोरदार प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसा इशारा इस्त्राइल के रक्षा मंत्री एवीग्दोर लिबरमन ने दिया है।
ईरान सीरिया में लष्करी अड्डा निर्माण कर रहा है – पश्चिमी गुप्तचर यंत्रणाओं ने जानकारी देने का ब्रिटिश न्यूज़ चैनल का दावा
लंडन: सीरिया की राजधानी दमास्कस से कुछ ही दूरी पर ईरान ने स्थायी स्वरुप का लष्करी अड्डा निर्माण करना शुरू किया है। पिछले कुछ महीनों से इस लष्करी अड्डे का निर्माण गतिमान होने की बात सॅटॅलाइट फोटोग्राफ से स्पष्ट होती है, ऐसा ब्रिटिश न्यूज़ चैनल ने अपनी खबर में कहा है। पश्चिमी गुप्तचर यंत्रणा के सूत्रों ने दी जानकारी के आधार पर ब्रिटिश न्यूज़ चैनल ने यह खबर प्रसिद्ध की है। सीरियन राजधानी से १४ किलोमीटर की दूरी पर स्थित ‘किशवाह’ इस जगह पर ईरान ने लष्कर के लिए मुख्यालय, सैनिकों को रहने के लिए बैरेक्स, लष्करी वाहनों के लिए शेड निर्माण किए हैं और नई ईमारत का निर्माण भी शुरू किया है।
लेबेनॉन के प्रधानमंत्री सऊदी अरेबिया के कब्जे में – लेबेनीज नेताओं का आरोप
बेरूत: “लेबेनॉन के प्रधानमंत्री ‘साद अल-हरिरी’ को सऊदी अरेबिया ने गिरफ्तार किया होगा”, ऐसा आरोप लेबेनॉन के हिजबुल्लाह समर्थक नेताओं ने किया है। उसीके साथ ही अपने प्रधानमंत्री के रिहाई के लिए लेबेनॉन अन्य देशों की सहायता लेकर सऊदी पर दबाव बढ़ाने वाला है, ऐसी जानकारी लेबनीज सरकार के अधिकारियों ने दी है। पर ‘साद अल-हरिरी’ को गिरफ्तार न करने का दावा सऊदी कर रहा है। पिछले शनिवार को लेबनीज प्रधानमंत्री साद अल-हरिरी ने अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। ईरान और हिजबुल्लाह से अपने तथा अरब देशों की सुरक्षा के लिए खतरा होने की बात साद ने अधोरेखित की थी। सादने उनके इस्तीफे की घोषणा सऊदी अरेबिया से की थी।
सऊदी के जंगी जहाज और ऑइल टैंकर्स को जलसमाधि देंगे- येमेन के हौथी बागियों का इशारा
सना: ‘सऊदी अरेबिया और अरब मित्र देशों ने येमेन के बंदरगाह पर लगाई हुई पाबन्दी हटाई नहीं तो एडन की खाड़ी से सफ़र करने वाले सऊदी के जंगी जहाज और ऑइल टैंकर्स को जलसमाधि देंगे’, ऐसा इशारा येमेन के हौथी बागियों ने दिया है। इन बागियों को ईरान की ओर से किसी भी प्रकार की रसद न मिले, इस लिए सऊदी अरेबिया ने पिछले हफ्ते येमेन की सीमारेखा और समुद्री सीमा पर पहरा लगाया। इस पहरे की वजह से येमेनी जनता पर भूखे रहने का वक्त आएगा, ऐसा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने इशारा दिया था। इसी लिए इस पहरे को हटाने के लिए हौथी बागियों ने सऊदी को दी हुई धमकी वास्तव में उतारने की कड़ी संभावना है।
सऊदी की लेबनॉन के खिलाफ युद्ध की घोषणा- हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्ला का दावा
बैरूत: ‘लेबनॉन के प्रधानमंत्री साद अल-हरिरी को कब्जे में रखकर सऊदी अरेबिया ने लेबनॉन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है।इस्त्रायल लेबनॉन पर हमला करे ऐसी मांग सऊदी अरेबिया ने की है। यह हमारा अंदाजा नहीं बल्कि मिली हुई जानकारी है। लेकिन लेबनॉन की परिस्थाती का लाभ उठाने के कोशिश इस्त्रायल न करे। क्योंकि हिजबुल्लाह किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है’, ऐसा इशारा हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्ला ने दिया है।
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सायबर हमलों द्वारा बिटकॉइन एवं अन्य क्रिप्टोकरेंसी की चोरी – रशियन कंपनी का इशारा
मॉस्को: पिछले कई महीनों में बिटकॉइन के साथ अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर सायबर हमलो में बड़ी तादाद में बढ़त हुई है और यह चलन अब सायबर हमलों से सुरक्षित नहीं है। ऐसा इशारा रशिया की कैस्परर्स्की लैब इस सायबर सुरक्षा कंपनी ने दिया है। क्रिप्टो शफलर नामक मालवेअर की सहायता से क्रिप्टोकरेंसी पर हमले चढ़ाए जा रहे हैं और लगभग डेढ़ लाख डॉलर से अधिक मूल्य के बिटकॉइंस चुराने की जानकारी इस रशियन सायबर सुरक्षा कंपनी ने दी।
बिटकॉइन के मूल्य सात हजार डॉलर्स पर
वॉशिंगटन: बिटकॉइन इस क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य गुरुवार को सात हजार डॉलर्स पर गए हैं। दुनिया के सबसे बड़े ‘ऑप्शंस एवं फ्यूचर्स’ एक्सचेंज होनेवाले अमरिका के सीएमई ग्रुप में इस वर्ष के आखिर तक बिटकॉइन फ्यूचर्स के व्यवहार शुरू होने के संकेत दिए थे। इस घोषणा ने बिटकॉइन के मूल्य में १ दिन में ७ प्रतिशत से अधिक बढ़त हुई है और ७ हजार डॉलर्सका स्तर पार किया। इस विक्रमी ऊंचाई पर पहुंचे हुए स्तर की वजह से बिटकॉइन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्य १००अब्ज डॉलर्स तक गया हैं। पिछले वर्षभर के कालखंड में बिटकॉइन के मूल्य में लगभग ६४० प्रतिशत बढ़त हुई है।
अमरिकी समय के अनुसार शुक्रवार को सुबह ७ के करीब बिटकॉइन के मूल्य ७४५४ डॉलर्स इस उच्चतम स्तर पर पहुंचे थे। कॉइनडेस्क इस वेबसाइट ने यह जानकारी दी है। २ दिनों की अवधि में बिटकॉइन के मूल्य में १० प्रतिशतसे अधिक बढ़त जताई गई है। पिछले महीने मे चीन के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पक्ष की बैठक से पहले बिटकॉइन पर बंदी उठाने की चर्चा शुरू हुई थी। इस चर्चा के आधार पर बिटकॉइन के कीमतें ५८५६ डॉलर्स पर जाकर पहुंचे थी। उसके बाद लगातार बिटकॉइन के कीमतों में बड़ी तादाद में बढ़त होने की बात दिखाई दे रही है।
बिटकॉइन के बारे में जानकारों का इशारा
सिर्फ एक वर्ष के कालखंड में बिटकॉइन की कीमत में बड़ी तादाद में बढ़त हुई है और इस क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य में अधिक महत्व होने की बात अर्थतज्ञ ने कही है, फिर भी उसके विरोध में जानकारोंने सतर्कता का इशारा दिया है। फिलहाल बिटकॉइन की कीमत में जिस प्रकार से उच्चतम स्तर दिखाई दे रहा है, वैसे ही प्रकार के पहले बिटकॉइन की कीमतें बढ़ी थी और कुछ समय के बाद यह कीमतें २५ से ३५ प्रतिशत से गिरे थे। इस पर कुछ लोग ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दुनिया भर के निवेशकार इससे आकर्षित हो रहे हैं और निवेश बढ़ने की वजह से गिरावट होती है, इस पर कुछ अर्थतज्ञ तथा विश्लेषक उंगली दिखा रहे हैं।
दुनिया के अग्रणी विश्लेषक एवं अर्थतज्ञो से बिटकॉइन यह अत्यंत बड़ा आर्थिक बुलबुला ठहरेगा, इस स्वरूप का इशारा दिया गया है।‘गैलेक्सी इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स’ के अर्थतज्ञ माइक नोवोग्राटझ ने पिछले महीने में,वर्तमान समय में बिटकॉइन यह सबसे बड़ा बुलबुला हो सकता है, ऐसा सूचित किया था।
अमरिकी निवेशकार जॉर्डन बेलफोर्ट ने बिटकॉइन यह सबसे बड़ा घोटाला होने का इशारा दिया है और सऊदी अरेबिया की अब्जाधिश निवेशकार प्रिंस अलवालीद बिन तलाल ने बिटकॉइन की तुलना एनरोनइस दिवालीयाखोर अमरिकी ऊर्जा कंपनी से की है।
इस्लाम धर्म के अनुसार बिटकॉइन ‘हलाल’ साबित हो सकता है (?) – रशियन मुफ़्ती कौंसिल के अर्थशास्त्री का दावा
मॉस्को: बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी इस्लाम धर्म के अनुसार ‘हलाल’ साबित हो सकते हैं और ‘इस्लामिक बैंकिंग’ के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसा रशिया में स्थित इस्लाम धर्मियों की ‘मुफ़्ती कौंसिल’ की आर्थिक सलाहकार ‘मदिना कलीमुलीना’ ने कहा है। इसके बारे में अभी तक निर्णय नहीं हुआ है, फिर भी इस पर चर्चा शुरू हुई है, ऐसा कलीमुलीना ने रशियन न्यूज़ चैनल से कहा है।
‘इन दिनों रशिया में क्रिप्टोकरेंसी पर जोरदार चर्चा च रही है। विशेष रूप से कोकेशक इलाके के इस्लाम धर्मी अर्थशास्त्रियों में इस पर गहरी चर्चा की जा रही है। इस्लाम धर्मियों के बहुसंख्या वाले रशिया के तार्तरस्थान प्रान्त की राजधानी कझान में पशुधन से संबंधित व्यवहार के सन्दर्भ में ‘मीट-कॉइन’ जैसे इसी स्वरुप के करेंसी का इस्तेमाल किया जाता है’, ऐसा कहकर आने वाले समय में इस्लाम धर्मियों में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिल सकती है, ऐसा दावा कलीमुलीना ने किया है। इसीके साथ ही खाड़ी के प्रमुख इस्लाम धर्मीय देशों में भी बिटकॉइन का इस्तेमाल शुरू हुआ है, इस बात की तरफ कलीमुलीना ने ध्यान आकर्षित किया है।
ऍमेझॉन ‘क्रिप्टोकरेंसी’ में उतरने की तैयारी में क्रिप्टोकरेंसी का ‘डोमेन’ दर्ज
वॉशिंगटन: १३६ अरब डॉलर्स वार्षिक राजस्व और निवल संपत्ति ८३ अरब डॉलर्स से अधिक वाली ‘ऍमेझॉन’ इस दुनिया की प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी ने ‘क्रिप्टोकरेंसी’ के क्षेत्र में उड़ान भरने के तैयारी की है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑनलाइन शॉपिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और अन्य क्षेत्र में अग्रणी ऍमेझॉन ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए तीन ‘डोमेन’ अर्थात ‘वेब एड्रेस’ दर्ज करने की खबर आई है। लेकिन अभी तक ‘ऍमेझॉन’ ने इस बारे में घोषणा नहीं की है।
कोई भी वेबसाइट लांच करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसके लिए आवश्यक शुल्क भरके हमें चाहिए जो वह ‘डोमेन’ अथवा ‘वेब एड्रेस’ अपने नाम पर किया जा सकता है। दुनिया भर के इन ‘डोमेन’ पर नजर रखने वाली एक वेबसाइट पर ‘ऍमेझॉन’ के ‘लीगल डिपार्टमेंट’ ने तीन डोमेन की खरीदारी करने की खबर प्रसिद्ध हुई है।
क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन पर नियंत्रण की आवश्यकता नहीं है- ‘रिज़र्व बैंक ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया’ का दावा
केनबेरा: ‘क्रिप्टोकरेंसी’ और उसका मूल ‘ब्लॉकचेन’ पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा दावा ऑस्ट्रेलिया का सेंट्रल बैंक ‘रिज़र्व बैंक ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया’ ने किया है। पिछले महीने में ऑस्ट्रेलिया की संसद में हुई सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया ने कुछ महीनों पहले ही ‘बिटकॉइन’ का अन्य मुद्रा की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे, इस बात को स्पष्ट किया था। उसी समय ‘ऑस्ट्रेलियन कॉम्पिटिशन एंड कन्झ्युमर कमीशन’ ने अक्टूबर महीने में ‘बिटकॉइन’ सन्दर्भ में घोटाले की २४५ शिकायतें सामने आने की बात कही हैं।
अक्टूबर महीने में ऑस्ट्रेलियन संसद की समिति ने ‘एंटी मनी लौंडरिंग एंड काउंटर टेररिजम फाइनेंसिंग लॉ’ में सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें सुझाई हैं। इसमें ‘क्रिप्टोकरेंसी’ के व्यवहार करने वाले व्यावसायिकों पर नियंत्रण लाने का प्रावधान था।
देश के अंतर्गत व्यवहार के लिए ईरान बिटकॉइन का इस्तेमाल करेगा
तेहरान: ईरान में अंतर्गत व्यवहार के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका गहरा अभ्यास किया जा रहा है, इसके लिए आवश्यक तैयारी भी की जा रही है, यह महत्वपूर्ण घोषणा ईरान के सुचना व संपर्क और प्रद्योगिकी विभाग के उपमंत्री ‘आमिर हुसैन दावी’ ने की है। अमरिका के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान की ओर से बिटकॉइन के इस्तेमाल के मामले में यह घोषणा जानकारों का ध्यान आकर्षित कर रही है।
‘रियाल’ यह ईरान की मुद्रा है और इस मुद्रा में ईरान के अंतर्गत व्यवहार किये जाते थे। विदेशी व्यवहारों के लिए डॉलर और अन्य विदेशी मुद्राओं का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन अमरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों को प्रत्युत्तर देने के लिए ईरान ने रशिया और चीन देशों के साथ डॉलर का इस्तेमाल टालकर व्यवहार करने की पहल की थी। अब ईरान देश के अंतर्गत व्यवहार के लिए ‘बिटकॉइन’ का इस्तेमाल शुरू करने वाला है, यह जानकारी दावी ने एक दैनिक को दी है।
केंद्र सरकार के समिति की क्रिप्टोकरेंसी के डीलर्स पर कारवाई की सिफारिश
नई दिल्ली: भारत में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री व्यवहार करनेवाले व्यवसाय एवं एक्सचेंज पर बंदी लाने की सिफारिश सरकारी समिति ने की है। बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें पिछले ७ हफ्ते में २०० प्रतिशत बढ़ी है और नई ऊंचाई पर पहुंची हैं। उस समय बिटकॉइन जैसे चलन में निवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में बढ़त हुई है। इस पृष्ठभूमि पर सरकारने क्रिप्टोकरेंसी के व्यवहार पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए गतिविधियां शुरू करने की बात दिखाई दे रही है।
पिछले महीने में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी के खरीद एवं बिक्री पर बंदी लाई थी। उसके अनुसार १नवंबर से चीन में क्रिप्टोकरेंसी के व्यवहार बंद हुए हैं। ऐसी ही बंदी भारत में भी लाने की सिफारिश एक सरकारी समितिने की है। पर इस संदर्भ में अधिक जानकारी उजागर नहीं हुई है। बिटकॉइन की कीमतें शीघ्रगति से बढ़ रही हैं। ३ महीनों पहले १बिटकॉइन के १ लाख ७९ हजार रुपए इतना मूल्य गुरुवार को ४ लाख ५४ हजाररुपयों तक गए हैं। इस क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ने वाले की कीमतों की वजह से कुछ भारतीय इसमें निवेश कर रहे हैं और यह निवेश करने वालों की संख्या शीघ्र गति से बढ़ रही है। इस पृष्ठभूमि पर समिति से सरकार को हुई सिफारिश का महत्व बढा है।