Aniruddha Bapu |
हर
एक मानव के पास ‘मैं हूं’ यह एहसास रहता ही है और उसके इस एहसास के कारण
ही उसके लिए दुनिया का होना मायने रखता है। यदि यह एहसास ही न हो, तब बाकी
की बातें बेमतलब साबित हो जाती हैं। मनुष्य के ‘मैं हूं’ इस एहसास के बारे
में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने ०९ अक्टूबर २०१४ के
हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
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