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जम्मू-कश्मीर में हुई मुठभेड़ में – ‘लष्कर’ के कमांडर के साथ साथ दो आतंकवादी ढेर
मुंबई: जम्मू-कश्मीर के ‘लष्कर-ए-तोएबा’ का कमांडर ‘शकूर दार’ और उसके साथियों को सुरक्षा बालों ने ढेर कर दिया है। इस दौरान हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी ने सरेंडर किया है। पिछले एक हफ्ते में जम्मू-कश्मीर में हुई यह चौथी बड़ी मुठभेड़ है। दो दिनों पहले ही जम्मू-कश्मीर के ‘आईएस’ संलग्न आतंकवादी संगठन के चार आतंकवादियों को मारा गया था। जम्मू-कश्मीर में इन दिनों ढाई सौ आतंकवादी कार्यरत हैं और राज्य से आतंकवादियों के उच्चाटन के लिए रक्षा बलों ने व्यापक कार्रवाई शुरू की है।
आठ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर की संघर्षबंदी खत्म हुई थी। उसके बाद दो दिनों में ही इस राज्य में राज्यपाल शासन लागू हुआ है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई तीव्र हुई है। एक हफ्ते में चार बड़ी मुठभेड़ हुईं हैं और इसमें १३ आतंकवादी मारे गए हैं। रविवार को हुई मुठभेड़ में ‘लश्कर’ कमांडर शकूर मारा गया है। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में छेदार गाँव में यह मुठभेड़ हुई है।
जम्मू-कश्मीर में हुई मुठभेड़ में ‘आईएसजेके’ के आतंकवादी ढेर – राज्य से संघर्षबंदी हटाने के बाद पहली बड़ी सफलता
मुंबई: जम्मू-कश्मीर से संघर्षबंदी हटाने के बाद सुरक्षादलों की आतंकवाद के खिलाफ की मुहीम को पहली बड़ी सफलता मिली है| इराक और सीरिया में धूम मचाने वाले ‘आईएस’ आतंकवादी संगठन से संलग्न ‘इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर’ (आईएसजेके) के चार आतंकवादियों को सुरक्षा दलों ने मुठभेड़ में मार दिया है| इसमें ‘आईएसजेके’ का प्रमुख दावूद का समावेश है| इस मुठभेड़ में एक पुलिस जवान भी शहीद हुआ है|
जम्मू-कश्मीर में रमझान महीने के लिए लागू की गई संघर्षबंदी पॉंच दिनों पहले हटाई गई थी और फिरसे आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन आलआउट शुरू किया गया था| इसके बाद दूसरे ही दिन चार आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए और बुधवार को और तीन आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया था| शुक्रवार को सुरक्षा दल और आतंकवादियों के बीच और एक बड़ी मुठभेड़ हुई्|
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के श्रीगुफवारा गॉंव में कुछ आतंकवादियों के छिपने की जानकारी सुरक्षा दलों को मिली थी| उसके बाद पुलिस और लष्कर ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की और इस इलाके को घेर लिया था|
जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम वापस लेने के बाद ४ आतंकवादी ढेर
जम्मू – सरकार ने जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम वापस लेने की घोषणा करने के बाद दूसरे ही दिन सेना ने चार आतंकवादियों को ढेर किया है। राज्य के बांदीपुरा जिले में यह कार्रवाई की गई है। शहीद जवान औरंगजेब कि आतंकवादियों ने हत्या की थी, उसका बदला लेने की मांग जम्मू कश्मीर की जनता कर रही है। इस पृष्ठभूमि पर सेना ने यह कार्रवाई करके उस का महत्व बढ़ाया है।
इस्लाम धर्मियों लोगों का पवित्र रमजान महीना में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के विरोध में शुरू ऑपरेशन ऑलआउट रोका गया था। पर ऑपरेशन ऑलआउट फिर से जोरदार शुरू हुआ है। संघर्षबंदी पीछे लेने की घोषणा होते ही कुछ ही घंटों में सेना ने चार आतंकवादियों को ढेर करके आतंकवादी संगठन को कड़ी चेतावनी दी है।
जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘ऑपरेशन ऑलआउट’
नई दिल्ली: पिछले महीने से जम्मू-कश्मीर में रोके गए आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन ऑलआउट फिर से शुरू किया गया है। इस राज्य को आतंकवाद और हिंसाचार से मुक्त करने के लिए आतंकवाद विरोधी कठोर कार्रवाई की जाए, ऐसे आदेश सुरक्षा दल को दिए गए हैं, ऐसा कहकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह घोषणा की है। कई दिनों पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने जल्द ही आतंकवादियों के विरोध में कार्यवाही शुरु होगी ऐसा घोषित किया था।
इस्लाम धर्मयों के पवित्र रमजान महीने के दौरान आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन रोका गया था। स्थानीय लोगों को दिलासा देने के लिए यह निर्णय लिया गया था। लष्कर ने घोषित किए संघर्षबंदी के अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं। तथा संघर्षबंदी के कालखंड भी बढ़ाया जायेगा ऐसे संकेत सरकार ने दिए थे। पर पिछले महीने में आतंकवादियों ने और विद्रोहियों ने कार्रवाई बढ़ी है। १७ मई से १३ जून के कार्यकाल में आतंकवादियों के ६६ कार्यवाहियाँ दर्ज हुई है। संघर्षबंदी का फायदा लेकर आतंकवादी सुरक्षादल के जवानों को लक्ष्य करते उजागर हुए हैं और विद्रोहियों से किए जानेवाले पत्थर फेंक की घटनाएं भी इस समय में बढ़ी थी।
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शरणार्थियों की वजह से यूरोपीय संघ टूटने की दहलीज पर – यूरोपियन कमीशन के उपाध्यक्ष की चेतावनी
ब्रूसेल्स – यूरोपीय महासंघ टूटकर उसका विघटन होगा, ऐसी कल्पना ५ वर्षों पहले किसी ने भी नहीं की थी, पर आने वाले समय में अविश्वसनीय लगने वाली यह बात अब यूरोपीय संघ के बारे में होने की संभावना है, ऐसे शब्दों में यूरोपीय कमीशन के उपाध्यक्ष फ्रांस टीमरमैन्स ने, महासंघ के टूटने की दहलीज पर होने की सनसनीखेज चेतावनी दी है| यूरोपीय संघ के टूटने के लिए शरणार्थियों की घुसपैठ महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकता हैं, ऐसा इकबालिया बयान टीमरमैन्सने दिया है| शरणार्थियों के मुद्दे पर संघ के प्रमुख देश होनेवाले जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन और ऑस्ट्रिया इन सभी देशों ने आक्रामक भूमिका ली है और संघ के वरिष्ठ नेताओं से ऐसे प्रकार के बयान आना गंभीर बात मानी जा रही है|
जर्मनी की सीमा से शरणार्थियों को वापस भेज देंगे – चांसलर मर्केल की सहकारी पार्टी ‘सीएसयू’ की धमकी
बर्लिन – जर्मनी की सरहद से शरणार्थियों को वापस भेज देंगे, ऐसी धमकी जर्मनी की सत्तारूढ़ मोर्चे की ‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’ (सीएसयू) पार्टी ने दी है| ‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’ (सीएसयू) के नेता और जर्मनी के अंतर्गत रक्षा मंत्री होर्स्ट सिहोफर ने चांसलर मर्केल को शरणार्थियों के बारे में ‘मास्टर प्लान’ स्वीकार करने के लिए महीने के आखिर तक का अवधि दिया है| इस समय सीमा का पालन नहीं किया गया तो शरणार्थियों को खदेड़ने के मामले में एकतरफा ऐलान करने की चेतावनी सिहोफर ने दी है| इस वजह से लाखों शरणार्थियों के लिए जर्मनी के दरवाजे खोलनेवाली मर्केल की सरकार के दिन भरने की चर्चा शुरू हुई है|
‘अवैध शरणार्थियों के उद्योग’ को इटली साथ नहीं देगा – इटली के अंतर्गत रक्षा मंत्री मॅटिओ सॅल्व्हिनी की कठोर चेतावनी
रोम: कुछ दिनों पहले ६३० शरणार्थियों को लेकर जाने वाले जहाज को नकारने वाले इटली ने फिर एक बार इस मुद्देपर आक्रामक भूमिका अपनाई है। इटली के अंतर्गत रक्षा मंत्री मॅटिओ सॅल्व्हिनी ने शरणार्थियों को लेकर आने वाले नेदरलैंड के दो जहाजों को प्रवेश नकारने की जानकारी दी है। यह जानकारी देते समय, इटली अवैध शरणार्थियों के उद्योग को साथ नहीं देगा, ऐसी कठोर चेतावनी भी दी है। पिछले हफ्ते में इटली की सरकार ने ‘एसओएस मेडिटेराने’ इस स्वयंसेवी संस्था के ‘ऍक्वारिअस’ इस जहाज को इटली के बंदरगाह में प्रवेश करने से इन्कार किया था।
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सीरिया में कहीं भी ईरान के खिलाफ हमले करेंगे – इस्राइली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की चेतावनी
जेरुसलेम: सिर्फ गोलान पहाड़ियों के सीमा इलाके में ही नहीं, बल्कि सीरिया में जहाँ भी ईरान के लष्करी अड्डे होंगे वहां पर हमले करेंगे, ऐसी चेतावनी इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दी है। इस्राइल के रक्षामंत्री एविग्दोर लिबरमन रशिया के दौरे पर जाने से पहले, प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने यह घोषणा करके ईरान के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट की है। सीरिया में ईरान के लष्करी अड्डों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा नेत्यान्याहू ने बार बार स्पष्ट किया था। सीरिया में ईरान और ईरान से संलग्न संगठनों के अड्डे अपने देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं, ऐसा कहकर इस्राइल ने सीरिया में स्थित ईरान के अड्डों पर हमले करने की धमकी दी थी।
विदेशी सैनिक सीरिया छोड़कर अपनी मातृभूमि लौट जाए – रशियन विदेश मंत्री की माँग
मॉस्को: विदेशी सेना जल्द से जल्द सीरिया को छोड़ दे, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने दी है। दो दिनों पहले भी लावरोव ने ऐसी ही सूचना दी थी। यह सूचना ईरान के लिए है, यह बात सामने आ रही है और ईरान ने रशिया की इस सूचना पर नाराजगी जताई है। किसी के भी कहने पर ईरान सीरिया से वापस नहीं लौटेगा, ऐसे संकेत ईरान दे रहा है। रशिया के विश्लेषकों की बैठक में बोलते समय रशियन विदेश मंत्री ने सीरिया में ईरान की लष्करी तैनाती की वजह से इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष भडकने की चिंता व्यक्त की है।
जेरूसलेम के बाद अमरिका गोलान को भी मंजूरी दे – इस्राइली गुप्तचर मंत्री की मांग
जेरूसलेम – जेरूसलेम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर घोषित करने के बाद अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल के अधिकार को भी मंजूरी दे, ऐसी मांग इस्राइल के गुप्तचर विभाग के मंत्री इस्राइल कात्झने की है। ऐसा हुआ तो खाड़ी क्षेत्र में ईरान के बढ़ती आक्रामकता रोक सकेंगे, ऐसा दावा कात्झ ने किया है। इस बारे में पहले से अमरिका और इस्राइल के नेताओं में चर्चा शुरू होने की जानकारी कात्झ ने दी है। इस्राइल की सुरक्षा विषय कैबिनेट में प्रमुख सदस्य होनेवाले गुप्तचर मंत्री कात्झ ने एक अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था को दिए मुलाकात में गोलान के बारे में खुलासा किया है। सीरिया के सीमारेखा से जुड़े हुए गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल का सर्वभौम अधिकार है और वह प्राप्त करने के लिए इस्राइल अधिक गंभीरता से अमरिका से चर्चा कर रही है, ऐसी जानकारी कात्झ ने दी है।
सीरिया में अमरिकी सेना पर हमला बहुत बड़ी गलती साबित होगी – सीरियन राष्ट्राध्यक्ष की धमकी पर अमरिका की चेतावनी
वॉशिंगटन/दमास्कस – ‘सीरिया में तैनात अमरिकी सेना को किस न किसी रास्ते से सीरिया छोड़ना ही पड़ेगा’, ऐसे सूचक उद्गार सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद ने निकाले हैं। उनके इस इशारे को ध्यान में रखकर अमरिका ने उस पर कठोर चेतावनी दी है। ‘सीरिया में तैनात अमरिका और मित्र देशों के सैनिकों पर हमला करने का निर्णय सीरिया के किसी भी समूह के लिए बहुत बड़ी गलती साबित होगी’, ऐसी चेतावनी अमरिका के रक्षा दल के निदेशक लेफ्टिनेंट केनिथ मकान्झी ने दी है। सीरिया में घटनाक्रम तेज हुए हैं और राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद ने अमरिका समर्थक बागियों के साथ जुड़ने के संकेत दिए हैं।
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रशिया सीरिया में स्थित ईरानी सेना को इस्राइल की सीमा से दूर रखने की तैयारी में – इस्राइली अधिकारियों का दावा
जेरुसलेम – इस्राइल की सीमा के भूभाग से ईरान के लष्कर और ईरान समर्थक समूहों को दूर रखने की रशिया ने तैयारी शुरू की है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस्राइल यहाँ पर भीषण हमले करता रहेगा और इससे सीरिया का संघर्ष अधिक तीव्र हो जाएगा ऐसी चिंता रशिया को सता रही है। इसीलिए ईरान की सीरिया में चल रही गतिविधियों को कम करने के प्रस्ताव पर रशिया इस्राइल के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है, ऐसा दावा इस्राइली अख़बारों ने किया है। लेकिन ईरान ने सीरिया में अपनी गतिविधियां आगे भी जारी रहेंगी, ऐसा कहकर रशिया की माँग मान्य न करने के संकेत दिए हैं।
रशिया अमरिका से यूरोप की रक्षा करेगा – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन का आश्वासन
मॉस्को – ‘फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने यूरोप और अमरिका के बीच एकदूसरे में कुछ बंधन होने का उल्लेख किया है। यूरोप सुरक्षा के लिए अमरिका पर निर्भर है। लेकिन चिंता मत कीजिए रशिया आपकी सहायता करेगा। रशिया यूरोप को सुरक्षा देगा। कम से कम यूरोप को नया खतरा उत्पन्न नहीं होगा, इसके लिए हम पूरी कोशिश करेंगे’, इन शब्दों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने रशिया अमरिका से यूरोप की सुरक्षा कर सकता है, ऐसा दावा किया है। रशिया में चल रहे ‘सेंट पीटसबर्ग इंटरनेशनल इकॉनोमिक फोरम’ (एसपीआईपीएफ) में पुतिन ने यह वक्तव्य किया है।
युक्रेन का संघर्ष और ब्रिटन में स्थित भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुआ हमला इन मुद्दों को लेकर अमरिका ने रशिया पर बड़े पैमाने पर प्रतिबन्ध लगाए हैं। दो हफ़्तों पहले ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध से बाहर निकलकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान पर भी कठोर प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की है।
एस-४०० के बारे में भारत और रशिया के बीच चर्चा सफल
नई दिल्ली: भारत और रशिया में एस-४०० के इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीदारी के समझौते सफल हुए हैं। इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा की कीमत एवं अन्य मुद्दों पर सफल चर्चा हुई है और जल्द ही इस व्यवहार की घोषणा की जाएगी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है। अमरिका ने रशिया से किए जानेवाले शस्त्रास्त्र की खरीदारी पर कड़े प्रतिबंध जारी किए हैं। इसकी वजह से एस-४०० की रशिया से खरीदारी करने वाले भारत को भी अमरिका प्रतिबंध जारी कर सकता है। इस पृष्ठभूमि पर भारत और रशिया में इस व्यवहार का महत्व बढ़ रहा है।
कुछ दिनों पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से सोची शहर में मुलाकात की थी। दोनों नेताओं में हुए चर्चा की संपूर्ण जानकारी अबतक उजागर नहीं हुई है। फिर भी इस चर्चा में भारत एवं रशिया में सामरिक एवं लष्करी सहयोग का मुद्दा अग्रणी पर था, ऐसा कहा जा रहा है। अमरिका ने रशिया पर जारी किए प्रतिबंधों का झटका नहीं लगेगा, ऐसे रुप से दोनों देशों के सहयोग विकसित करने पर दोनों देशों के नेताओं ने उस समय विचार किया है, ऐसी जानकारी माध्यमों ने दी है। तथा इसके बारे में भारत एवं रशिया की चर्चा पूर्ण होने की बात वायु सेना के अधिकारियों ने कही है।
बचावात्मक और एकतरफा आर्थिक नीतियों के कारण दुनिया ने आज तक नहीं देखा हुआ आर्थिक संकट सर पर – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की चेतावनी
सेंट पीट्सबर्ग: ‘दुनिया ने आज तक देखा नहीं ऐसा भीषण आर्थिक संकट सामने खड़ा है| एकतरफा नीतियों के कारण यह समय देखना पड रहा है| यथाक्रम बचावात्मक वित्तिय नीतियों का पुरस्कार करते हुए व्यापारी सहयोग तोडे जार रहे है| नियम तोडना यहीं अब नया नियम बन चुका है’, ऐसा कहते हुए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने अमरिका के नीतियों पर कड़ी आलोचना की| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने सीधा नाम न लेते हुए अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाने वाले अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष के फैसलों पर कठोर शब्दों में प्रहार किया|
रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने अमरिका के नीतियों पर टीका करते हुए, ‘बहुराष्ट्रीय सहयोग विकसित करने के लिए बहूत समय लगता है| लेकिन अभी के काल में इन सहयोग को आगे नहीं किया जाता| इसके पिछे सुनियोजित लेकिन विघातक वित्तिय नीति है’, ऐसा दावा किया| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन रशिया में शुरू ‘सेंट पीट्सबर्ग इंटरनॅशनल इकॉनॉमिक फोरम’ (एसपीआयपीएफ) में बोल रहे थे| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया और ईरान पर कडे प्रतिबंध लगाते हुए इन देशों से व्यापारी और सैनिकी सहयोग करनेवाले देशों को भी अमरिका के प्रतिबंधों का सामना करना पडेगा, ऐसा धमकाया है|