-
‘साउथ चाइना सी’ और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ में शुरू हुआ चीन का हवाई अभ्यास मतलब युद्ध की रिहर्सल – चीनी हवाई दल की घोषणा
बीजिंग: “’साउथ चाइना सी’ और ‘वेस्टर्न पसिफ़िक’ समुद्री क्षेत्र में चीन की वायुसेना ने शुरु किया हुआ अभ्यास मतलब आगे आने वाले युद्ध की रिहर्सल है”, ऐसी घोषणा चीन के वायुसेना ने की है। दो दिनों पहले अमरिकी नौसेना की विनाशिका ने चीन के निर्माण किए कृत्रिम द्वीप के पास गश्त लगाई थी। उसे प्रत्युत्तर देने का चीन ने इशारा दिया था। सदर हवाई अभ्यास यह चीन के प्रत्युत्तर का ही हिस्सा दिखाई दे रहा है।
रशिया की अफगानिस्तान में स्थित तालिबान को शस्त्रसहायता – अमरिका के अफगान कमांड प्रमुख का आरोप
काबुल: ‘रशिया अफगानिस्तान में अस्थिरता निर्माण कर रहा है। रशिया तालिबान के आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है और इसके लिए ताजिकिस्तान की सीमारेखा का इस्तेमाल कर रहा है’, ऐसा आरोप अफगानिस्तान में स्थित अमरिकी कमांड प्रमुख ‘जनरल जॉन निकोल्सन’ ने किया है। उन्होंने इसके लिए अफगानी नेतओंने दी हुई जानकारी का प्रमाण दिया है। लेकिन रशिया ने अमरिका इन आरोपों को ख़ारिज किया है।
सिरियन लष्कर के ईस्टर्न घौता के हमले में ५९ ढेर
दमास्कस: सीरिया की राजधानी दमास्कस के पास ईस्टर्न घौता मैं सिरियन लष्कर के हवाई हमले में ५९ लोग ढेर हुए हैं| इनमें बच्चों का भी समावेश होकर इस हमले पर सीरिया के सिविल डिफेंस ने कड़ी टीका की है| संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं अमरिका के साथ अन्य प्रमुख देश सीरिया ईस्टर्न घौता में हो रहे हमले रोके, ऐसा इशारा दे रहे हैं| संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में सिरियन सल्तनत पर वंशसंहार का आरोप करके उसके विरोध में कार्रवाई का प्रस्ताव अमरिका एवं मित्रों ने प्रस्तुत किया था| रशिया ने उस से इंकार करके सिरियन सल्तनत को फिर एक बार बचाया है| इसकी वजह से महीने भर के कालखंड में १२०० से अधिक लोगों की जान लेने वाले ईस्टर्न घौता में संघर्ष रुकने की आशंका धुसर हो रही है|
जेल से छूटनेवाले कट्टरपंथी यूरोप में आतंकी हमला करेंगे- यूरोपीय गुप्तचर यंत्रणा का इशारा
ब्रुसेल्स: यूरोपीय देशों के कारावास से छूटने वाले कट्टरपंथी एवं आतंकवादी यूरोप की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं, ऐसा इशारा गुप्तचर यंत्रणा ने दिया है| ब्रिटेन, फ्रान्स, बेल्जियम, स्पेन ऐसे कई यूरोपीय देशों के कारावास से सैकड़ों कट्टरपंथी एवं आतंकवादी आनेवाले समय में छोड़े जाएंगे और उनसे यूरोप में नए आतंकवादी हमले हो सकते हैं, ऐसा गुप्तचर अधिकारी ने सूचित किया है| पिछले हफ्ते में यूरोपीय महासंघ के यूरोप के सुरक्षा यंत्रणा ने भी यूरोप में आतंकवाद के खतरे पर ध्यान केंद्रित किया था|
-
हरि ॐ नाथसंविध् डॉ, अनिरुद्ध अर्थात हम सभी के लाडले सद्गुरु श्री अनिरुद्ध के मार्गदर्शनानुसार सन १९९९ से रक्तदान शिविर (ब्लड डोनेशन कॅम्प) का आयोजन किया जाता है और इसे श्रद्धावानों की ओर से और उसी के अनुसार संस्था के हितचिंतकों की ओर से उचित प्रतिसाद भी मिलता है। इसीलिए अनेक ज़रूरतमंद रूग्णों को इस रक्तदान शिविर का लाभ भी होता है। इस रक्तदान शिविर में राज्य की अनेक रक्तपेढ़ियाँ सहभागी होती हैं।
हर वर्ष इस उपक्रम के अनुसार मुंबई के सभी उपासना केन्द्र एक साथ मिलकर अप्रैल महीने में भव्य रक्तदान शिविर (Mega Blood Donation Camp) का आयोजन करते हैं।
गर्मी के मौसम में साधरणत: अप्रैल और मई महीने में अस्पतालों में शस्त्रक्रिया हेतु खून की कमी अधिक महसूस होती है और अकसर रक्तदाताओं की भी काफी कमी महसूस होती है। इस बात को ध्यान में रखकर श्रद्धावान इस रक्तदान शिविर में बड़े ही आत्मीयता से सहभागी होते हैं।
इस वर्ष अपनी संस्था की ओर से महारक्तदान शिविर (Mega Blood Donation Camp) का आयोजन दिनांक २२ अप्रैल के दिन New English School, Bandra में प्रात: ९.०० बजे से सायं ५.०० बजे तक आयोजित किया जानेवाला है।
मुझे पूरा विश्वास है कि बापू के श्रद्धावान मित्र इस वर्ष भी उतने ही उत्साह के साथ रक्तदानके लिए सहभागी होंगे।
रक्तदान शिविर में सहभागी होनेवाले श्रद्धावानों को बड़ी माँ एवं बापूजी का आशीर्वाद प्राप्त हो यही सद्गुरु अनिरुद्धजी के चरणों में प्रार्थना है।
इसी निमित्त से आज तक होनेवाले महा रक्तदान शिविर का लेखा-जोखा आप सभी के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। सन १९९९ से लेकर २०१७ तक श्रद्धावानों द्वारा महा रक्तदान शिविर में किया गया रक्तदान “५८२१२” है साथही सभी रक्तदान शिविरों का कुल मिलाकर “१,२९,७४१” रक्तदान हुआ है।
॥ हरि ॐ॥ श्रीराम॥ अंबज्ञ॥ नाथसंविध्॥
-
हरि ॐ, नाथसंविध्। श्रद्धावानों के लिए ‘श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम्’ यह अत्यन्त प्रेममय एवं भक्ति का विषय है। इस गुरुक्षेत्रम् के विविध श्रद्धावानों के साथ श्रद्धावानों की नाड़ी मानों नाजुक प्रेम के धागे से जुड़ गई है। इस गुरुक्षेत्रम् के श्रद्धावानों के बहुत ही पसंदीदा दैव है ‘त्रिविक्रम’, जिनका प्रतीकात्मक स्वरूप ‘त्रिविक्रम लिंग’ यहाँ पर अधिष्ठित है।
२६ मार्च २०१० ‘हनुमानपूर्णिमा’ के पवित्र दिन गुरुक्षेत्रम् में, ‘गुरुक्षेत्रम् मंत्र के गजर के साथ त्रिविक्रम लिंग की स्थापना की गई। सर्वप्रथम घननील रंग की त्रिविक्रम लिंग पूर्व दिशा की ओर विराजमान थी। इसके पश्चात ३१ जनवरी २०१६ अर्थात माघी गणेशोत्सव के दिन पंचधातु के त्रिविक्रम लिंग की स्थापना की गई। आजकल ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ के द्वारा दैनिक प्रत्यक्ष के कार्यकारी संपादक डॉ.अनिरुद्ध धैर्यधर जोशी लिखित ‘तुलसीपत्र’ इस अग्रलेख श्रृखंला के अन्तर्गत भगवान त्रिविक्रम के विविध पहलुओं से संबंधित जानकारी एवं उसी के अनुसार अथाह भक्तप्रेम की महिमा श्रद्धावानों तक पहुँच रही है।
ऐसे इस त्रिविक्रम लिंग की स्थापना को कल २६ मार्च २०१८ के दिन ८ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।
॥ हरि ॐ॥ श्रीराम॥ अंबज्ञ॥ नाथसंविध्॥
-
भारत और पाकिस्तान में राजनितिक संघर्ष
नई दिल्ली/ इस्लामाबाद : भारत में पाकिस्तान के दूतावास में अधिकारी एवं उनके परिवार को तकलीफ दी जा रही है, ऐसा आरोप पाकिस्तान ने किया है| परिस्थिति ऐसी ही रही तो पाकिस्तानी अधिकारियों के परिवार को अपने देश वापस बुलाया जाएगा, ऐसा इशारा देकर पाकिस्तान ने इसका निषेध किया है| इस पर भारत से प्रतिक्रिया आई है और पाकिस्तान का आरोप झूठा होने का आरोप भारतने किया है| वास्तव में पाकिस्तान में स्थित भारतीय राजनैतिक अधिकारियों को तकलीफ देने की बात शुरू हुई है और उसके विरोध में भारत ने शिकायत जताई थी, इसपर भारत ने ध्यान केंद्रित किया है|
भारत का ‘डर्टी बॉम्ब’ पर विश्वास नहीं रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन की पाकिस्तान को टिपण्णी
नई दिल्ली: परमाणु शस्त्र प्रसार बंदी को भारत अत्यंत गंभीरता से ले रहा है| पड़ोसी देशों की तरह भारत का ‘डर्टी बॉम्ब’ पर विश्वास नहीं है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने पाकिस्तान पर टिप्पणी लगाई है| भारत को पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ाने में स्वारस्य नहीं है, पर पाकिस्तान ने अपनी भूमि आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगी, यह दिखाना होगा, ऐसी अपेक्षा रक्षा मंत्री सीतारामन ने व्यक्त की है| नई दिल्ली में एक पुस्तक प्रकाशन के कार्यक्रम में रक्षामंत्री सीतारामन बोल रही थी| भारत ने परमाणु अस्त्र प्रसार बंदी करार पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं|
पाकिस्तान का छुपा युद्ध आगे चलकर भी शुरू रहेगा – लष्कर प्रमुख जनरल रावत का इशारा
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने भारत के साथ छेड़ा हुआ छुपा युद्ध आगे चलकर भी शुरू रहेगा, ऐसा कहकर लष्कर प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने देश को सजग रहने का संदेश दिया है| उस समय आर्थिक एवं लष्करी सामर्थ्य बड़े तादाद में बढ़ाने के लिये आक्रामक हुए चीन को रोकने के लिए सारी दुनिया भारत की तरफ आशा से देख रही है, ऐसा महत्वपूर्ण विधान लष्कर प्रमुख ने किया है| उस समय रक्षा के लिए किया जाने वाला खर्च मतलब वित्त व्यवस्था पर भार न होकर वह अत्यावश्यक बात होने का दावा जनरल रावत ने किया है|
भारत एवं पाकिस्तान में राजनीतिक संघर्ष तीव्र; पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त को वापस बुलाया
नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत में अपने राजनैतिक अधिकारियों को तकलीफ दी जा रही है, ऐसा आरोप करनेवाले पाकिस्तान ने अपने उच्च आयुक्त को वापस बुला लिया है, तथा पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद में भारतीय राजनीतिक अधिकारियों को इस मामले में समन्स भेजा है| पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा असिफ ने भारत के साथ संबंध सुधारने की आशंका ना होने की बात कहकर, यह विवाद अधिक भड़काया है| पर पाकिस्तान ने अपने राजदूतों को सलाह मसलत के लिए वापस बुलाने की बात कहकर भारत के विदेश मंत्रालय ने यह आम बात होने का खुलासा किया है|
-
रशिया के आक्रामकता को ब्रिटन से कड़ा प्रतिउत्तर दिया जाएगा – ब्रिटिश रक्षामंत्री का इशारा
लंदन : रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ब्लादिमीर पुतिन ब्रिटेन, अमरिका एवं मित्र देशों के विरोध में लगातार आक्रामक भूमिका ले रहे हैं और उनके विरोध में ब्रिटन न झुककर कड़ा प्रत्युत्तर देगा, ऐसा इशारा ब्रिटेन के रक्षामंत्री गेव्हिन विल्यमसन ने दिया है। ब्रिटेन के संसद सदस्यों से रशिया नए शीतयुद्ध शुरू करने का एवं ब्रिटन उसके विरोध में कठोर भूमिका न लेने का आरोप किया था। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटिश रक्षामंत्री ने दिया इशारा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दौरान ब्रिटेन में एक रशियन जासूस संदिग्ध रूप से बेहोश रूप में पाया गया है और यह घटना ब्रिटन एवं रशिया में तनाव अधिक बढ़ाने वाली हो सकती है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
रशिया मिसाइलें और ‘अंडरवॉटर ड्रोन्स’ के लिए ‘न्यूक्लिअर रिॲक्टर्स’ का इस्तेमाल करेगा – परीक्षण सफल होने का दावा
मॉस्को: रशिया ने मिसाइलें और ‘अंडरवॉटर ड्रोन्स’ के लिए छोटे रिॲक्टर्स विकसित किए हैं और और उनका परीक्षण पूरा होने की जानकारी वरिष्ठ सूत्रों ने दी है। रशिया की सरकारी वृत्तसंस्था ‘तास’ ने इस सन्दर्भ में खबर प्रसिद्ध की है। पिछले हफ्ते ही रशिया ने अतिप्रगत श्रेणी के परमाणु वाहक बैलेस्टिक मिसाइल, अभेद्य हाइपरसोनिक मिसाइल और परमाणु वाहक पनडुब्बी का निर्माण करने की जानकारी राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दी थी। ‘रशिया ने अमर्याद क्षमता वाले क्रुझ मिसाइल और पानी के नीचे कार्यरत रहने वाले बहुउद्देशीय ड्रोन्स के लिए छोटे आकारवाली परमाणु ऊर्जा की निर्मिती करने वाली यंत्रणाओं का परिक्षण पूरा किया है।
रशिया और चीन का खाड़ी में बढ़ता प्रभाव अमरिकी हितसंबंधों के लिए खतरनाक- अमरिका के ‘सेंटकॉम’ प्रमुख का इशारा
वॉशिंग्टन: ‘आयएस’ की हार हुयी है फिर भी खाड़ी में अमरिका का संघर्ष ख़त्म नहीं हुआ है। रशिया और चीन यह प्रतियोगी देश खाड़ी में अपना प्रभाव बड़े पैमाने पर बढा रहे हैं, जिससे अमरिका के हितसंबंधों को बहुत बड़ा खतरा संभव है। इसीलिए रशिया-चीन को रोकने के लिए अमरिका को खाड़ी में संघर्ष करना ही पड़ा, ऐसा अमरिका के ‘सेन्ट्रलकमांड’ (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल जोसेफ वोटेल ने कहा है। अमरिकन प्रतिनिधिगृह की ‘आर्मड सर्विसेज कमिटी’ के सामने बोलते समय जनरल वोटेल ने रशिया और चीन के खाड़ी में बढ़ते प्रभाव पर चिंता जतायी है।
रशिया के अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों से कोई भी देश सुरक्षित नहीं है – रशियन राष्ट्राध्यक्ष का इशारा
मॉस्को/वॉशिंग्टन: अन्य देशों की तुलना में रशियन मिसाइलें सर्वाधिक दूरी वाले हैं और दुनिया का कोई भी देश इन मिसाइलों से सुरक्षित नहीं है। दुश्मन की मिसाइल भेदी यंत्रणा भी रशियन मिसाइलों के सामने नाकाम होगी, ऐसा इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दिया है। रशियन संसद के सामने मिसाइलों की जानकारी देते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह घोषणा की है। इसपर पश्चिमी देशों की ओर से प्रतिक्रिया आई है और रशिया ने युद्धकालीन अनुबंधों का उल्लंघन करने का आरोप अमरिका ने लगाया है। पिछले कुछ महीनों में रशिया ने अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों का परीक्षण करने की जानकारी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संसद को दी है। अपने आधे घंटे के भाषण पुतिन ने सबसे भीषण मिसाइल की जानकारी देकर पश्चिमी देशों को धमकाया है।
-
‘डोकलाम’ मे चीन से लष्करी मूलभूत सुविधा का निर्माण – रक्षामंत्री सीतारामन की लोकसभा मे जानकारी
नई दिल्ली : ‘डोकलाम’ में चीन हेलीपॅड के साथ बड़ी तादाद में लष्करी मूलभूत सुविधा निर्माण कर रहा है और चीनने फिर एक बार इस भाग में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने की जानकारी रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में दी है। तथा पाकिस्तान में चीन के गतिविधियों पर भी बारीकी से नजर होकर सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसा रक्षामंत्री सीतारामन ने स्पष्ट किया है।
पिछले वर्ष भारत एवं चीन की सेना ‘डोकलाम‘ में जिस भाग में एक दूसरों के सामने खड़ी थी, उसके पास ही होनेवाले भाग में चीन ने अपने लष्करी गतिविधियां शुरू करने की बात सीताराम ने कही है। पिछले वर्ष भारत और चीन ने इस जगह से अपनी सेना वापस लौटी थी तथा सैनिकों की संख्या भी कम की थी, पर चीन ने फिर एक बार सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। ठंड के मौसम में भी चीन ने अपने सैनिक इस भाग में तैनात किए थे, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा है।
राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को ‘अमर्याद’ सत्ता देने के प्रस्ताव पर चीन में टीका
बीजिंग: चीन के विद्यमान राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को अमर्याद काल के लिए नेतृत्व देने के सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रस्ताव के खिलाफ चीन में टीका हो रही है। एक समय सरकारी मीडिया का हिस्सा रहे पत्रकार और लेखकों ने ही जिनपिंग को अमर्याद काल के लिए नेता बनाने वाले प्रस्ताव को विरोध करना शुरू किया है। इस सन्दर्भ में कुछ लेख भी प्रसिद्ध हुए हैं, जिसमें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का आवाहन भी किया गया है।
पिछले हफ्ते चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टीने, राष्ट्राध्यक्ष और उपाध्यक्ष को दो ‘टर्म’ का बंधन लगाने वाला प्रावधान देश के संविधान से निकाल दिया जाए, ऐसा खुला प्रस्ताव सदर किया था। इस वजह से सन २०२३ के बाद भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ही चीन के सुप्रीमो रहेंगे, ऐसा स्पष्ट संकेत मिला शुरू हो गया था। कम्युनिस्ट पार्टी के इस प्रस्ताव पर ‘चायना यूथ डेली’ के भूतपूर्व संपादक ली दातोंग ने खुलकर नाराजगी जताई है।
भारत-चीन सीमा पर परिस्थिति बिगड़ सकती है – रक्षा राज्यमंत्री का इशारा
नई दिल्ली : चीन की सीमा पर परिस्थिति संवेदनशील होकर वहां की परिस्थिति बिगड़ सकती है, ऐसा इशारा भारत के रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने दिया है। तथा पड़ोसी देशों में परिस्थिति देखते हुए भारत की सुरक्षा के सामने आवाहन खड़े हैं, इसका एहसास रक्षा राज्यमंत्री ने दिलाया है। उस समय यह तनाव ना बिगड़े इसके लिए भारत प्रयत्न कर रहा है, ऐसा डॉ. भामरे ने कहा है। पिछले कई दिनों से चीन भारत पर सामरिक दबाव बढ़ाने की जोरदार तैयारी करते हुए, भारत के रक्षा राज्यमंत्री ने किया विधान ध्यान केंद्रित करने वाला है।
भारतीय लष्कर एवं एक अभ्यास गटने आयोजित किए परिसंवाद में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे बोल रहे थे। भारत-चीन सीमा रेखा पर परिस्थिति संवेदनशील बनी है। वहां तनाव बढ़कर परिस्थिति अधिक बिगड़ने की गहरी आशंका है, इस पर डॉ. भामरे ने ध्यान केंद्रित किया है। सीमा भाग में भारत और चीन की सेना लगातार एक दूसरों के सामने रहना और चीनी सैनिकों की घुसपैठ की घटनाएं कुछ अंतर के सामने आ रही है। दोनों सेना एक दूसरों के सामने खड़े होते हुए परिस्थिति नियंत्रण के बाहर जाने की आशंका झुठलाई नहीं जा सकती। सीमारेखा पर अनेक बाते होती है, उसमे एक बात तनाव बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकती है, ऐसा डॉ. भामरे ने कहा है।
हिंद महासागर क्षेत्र मे चीन के कारवाईयों पर भारत की कड़ी नज़र – नौदल प्रमुख ॲडमिरल सुनिल लान्बा की गवाही
नई दिल्ली : ‘हिंद महासागर क्षेत्र में चीन अधिक आक्रामक होता चला जा रहा है और इस क्षेत्र में छह से आठ युद्धनौका चीन हमेशा के लिए तैनात रख रहा है पर चीन के इन गतिविधियों पर भारतीय नौदल की कड़ी नजर है’, ऐसा नौदल प्रमुख ॲडमिरल सुनिल लान्बा ने स्पष्ट किया है जल्दी हिंद महासागर क्षेत्र में भारत ने १६ देशों के सागरी युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। पर फिलहाल चीन के प्रभाव में होनेवाले मालदीव ने इस युद्धाभ्यास में शामिल होने से इनकार किया है। इस पृष्ठभूमि पर नौदल ने माध्यमों से संवाद किया है।
नौदल प्रमुख ॲडमिरल सुनिल लान्बा ने ६ से १३ मार्च के दौरान अंडमान निकोबार द्वीप के पास होनेवाले ‘मिलन’ सादरी युद्धाभ्यास की जानकारी माध्यमों को दी है। उस समय उन्होंने मालदीव में इस वर्ष इस युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए इंकार जताया है, यह बात बताई है। इस युद्ध में शामिल ना होने का कारण मालदीव ने नहीं दिया है और फिलहाल देश में होने वाले इमरजेंसी की स्थिति की वजह से यह निर्णय लिया गया है, ऐसा ॲडमिरल लान्बा ने कहा है।
-
ईरान परमाणु पनडुब्बी, जंगी जहाज निर्माण करने की तैयारी में – अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग का दावा
व्हिएन्ना:
जल्द ही ईरान परमाणु पनडुब्बी का निर्माण करने वाला है और अपने इस फैसले
को ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग तक पहुँचाया है। इस परमाणु
पनडुब्बी के निर्माण के लिए ईरान संवर्धित युरेनियम का इस्तेमाल कर सकता
है, ऐसी संभावना अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा योग ने जताई है। परमाणु
पनडुब्बी के निर्माण की घोषणा करके, परमाणु अनुबंध के मुद्दे पर अमरिका और
मित्रदेशों के नियमों की चौखट में न फंसने के संकेत ईरान ने दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘परमाणु ऊर्जाआयोग’
(आयएईए) ने हाल ही में एक त्रैमासिक रिपोर्ट प्रसिद्ध की है। पश्चिमी देश
और ईरान के बीच हुए परमाणु अनुबंध का कार्यान्वयन शुरू होने के बाद परमाणु
ऊर्जा आयोग ने पेश की हुई यह नौवीं रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट की शुरुआत में
ही ईरान परमाणु अनुबंध का पालन करा रहा है, ऐसा दावा किया है। लेकिन साथ ही
ईरान इस परमाणु अनुबंध की खामियों का फायदा उठा रहा है, ऐसा इशारा भी
परमाणु ऊर्जा आयोग ने दिया है।
ईरान खाड़ी देशों में छिपा युद्ध भड़का रहा है- अमरिका, ब्रिटन और फ़्रांस का आरोप
लंडन:
सीरिया और येमेन के अपने समर्थकों को शस्त्रसज्ज करके ईरान खाड़ी में छिपा
युद्ध भडकाने की कोशिश में हैं, ऐसा आरोप अमरिका और मित्रदेशों ने लगाया
है। अमरिका, ब्रिटन और फ़्रांस ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद को
दिए हुए प्रस्ताव में ईरान के खिलाफ यह शिकायत की है। अमरिका और मित्रदेशों
ने किए इन आरोपों पर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने टीका की है।
कुछ
दिनों पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष पथक ने सीरिया और येमेन के बीच के
संघर्ष की अलग अलग रिपोर्ट प्रसिद्ध की थी। येमेन के हौथी बागियों को ईरान
हथियारों की आपूर्ति करता है, ऐसे सबूत राष्ट्रसंघ के पथक ने प्रस्तुत किए
थे। साथ ही सीरिया के संघर्ष में ईरान
ने बड़े पैमाने पर हथियारों की मदद करने के संकेत इस पथक ने दिए थे। इसके
अलावा लेबेनॉन में ईरान ने मिसाइलों का कारखाना शुरू करने की संभावना भी
जतायी जा रही है।
आवश्यकता के अनुसार इस्रायल सीधे ईरान पर भी हमला करेगा – इस्रायल के प्रधानमंत्री का इशारा
म्युनिक:
‘ईरान वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरनाक देश है। ईरानी राजवट के आतंकवाद का
फंदा इस्रायल के गले में जकड़ने नहीं दूंगा। खाड़ी देशों के ईरान समर्थकों पर
इस्रायल हमले करता रहेगा। आवश्यकता हुई तो इस्रायल सीधे ईरान पर भी हमला
करेगा’, ऐसा इशारा इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दिया
है। जर्मनी के म्युनिक शहर में चल रही अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक के अवसर
पर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने खाड़ी में ईरान की गतिविधियों पर आपत्ति
जताई।
पिछले हफ्ते इस्रायल की
सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे ईरान के ड्रोन को इस्रायली लष्कर ने
गिराया था। इस ड्रोन के टुकड़े लेकर इस्रायली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू
म्युनिक की बैठक के मंच पर खड़े हुए। इस बैठक को उपस्थित ईरान के विदेश
मंत्री जावेद झरीफ की दिशा में ड्रोन के तुके को हाथ में ऊँचा उठाकर
‘श्रीमान झरीफ, आपने इस टुकड़े को पहचाना क्या?’, ऐसा सवाल इस्रायली
प्रधानमंत्री ने पूछा। ‘आपको इस टुकड़े को पहचानना ही होगा क्योंकि यह आपके
ही ड्रोन का हिस्सा है। इस टुकड़े को अपने सत्ताधारियों के पास लेकर जाईए और
उन्हें इस्रायल के संयम की परीक्षा न लें, इस इस्रायल के सन्देश को
पहुंचाइए’, इन शब्दों में नेत्यान्याहू ने ईरान को डांटा है।