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आज
रविवार दि. २५-०२-२०१८ को ‘दैनिक प्रत्यक्ष’ में प्रकाशित हुए
‘तुलसीपत्र-१४६०’ इस अग्रलेख में त्रि-मुख त्रिविक्रम के प्रकट होने का
वर्णन किया गया है। उस त्रि-मुख त्रिविक्रम का तीन स्तरों पर का स्वरूप।
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चीन को आशियाई देशों पर वर्चस्व दिखाने नहीं देंगे – अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी का दावा
वाशिंगटन
: ‘आशिया से अमरिका को बाहर करने के लिए चीन के प्रयत्न कभी भी यशस्वी
नहीं होने देंगे, उसके लिए चीन को आशियाई देशों पर दबाव बढ़ाने का अवसर
नहीं मिलेगा, इस पर हम ध्यान रखेंगे’, ऐसा कड़ा इशारा अमरिका के वरिष्ठ
अधिकारी सुसान थॉर्नटन ने दिया है। अमेरिकी संसद में ‘सिनेट फॉरेन रिलेशंस
कमिटी’ के सामने धारणा स्पष्ट करते हुए थोर्नटन ने यह इशारा देते हुए
अमरिका चीन के साथ सकारात्मक संबंध हो होने का खुलासा किया है।
‘जिस अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में चीन का
उदय हुआ है, वह प्रभाव बढ़ रहा है और यह अगर कायम रखना होगा, तो चीन ने
उनके नियम और निष्कर्ष पालना बंधनकारक है। आस पास के देशों के साथ सहयोगी
तौर पर संबंध रखने होंगे। आशियाई देशों को धमकाकर अथवा उनपर जबरदस्ती करना
यह अमरिका सहन नहीं करेगा’, ऐसे आक्रामक शब्दों में अमरिका के ‘ईस्ट एशियन
एवं पैसिफिक अफेयर्स’ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी थोर्नटन ने चीन को सूचित
किया है।
अमरिका के शिकागो शेयर बाजार को कब्जे में करने की चीन की कोशिश को नाकाम किया गया
वॉशिंग्टन/बीजिंग: अमरिका
के ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन’ ने चीनी कंपनी की ‘शिकागो शेयर बाजार
पर कब्जा करने की कोशिश को नाकाम किया है। चीनी निवेशकों की तरफ से उचित
जानकारी नहीं दी गयी है, यह वजह इस के लिए बताई गयी है। पिछले डेढ़ महीनों
में चीनी कंपनी को अमरिका में प्रवेश इन्कार करने की यह दूसरी घटना है।इस
के पहले जनवरी में चीनी उद्योजक ‘जॅक मा’ को अमरिकी कंपनी को कब्जे में
लेने से रोका गया था।
दो
सालों पहले चीन के ‘चोंगकिंग कझिन एंटरप्राइज ग्रुप’ इस कंपनी ने ‘शिकागो
स्टॉक एक्सचेंज’ में निवेश करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के तहत
चीनी कंपनी ढाई करोड़ डॉलर्स का निवेश करने वाली थी। चीनी कंपनी के इस
प्रस्ताव को अमरिका के ‘कमिटी ऑन फॉरेन इन्वेस्टमेंट इन द यूनाइटेड
स्टेट्स’ (सीएफआययुएस) ने मान्यता दी थी। पिछले वर्ष ‘सिक्योरिटीज एंड
एक्सचेंज कमीशन’ की प्राथमिक बैठक में भी यह प्रस्ताव आगे ले जाने के लिए
मंजूरी दी गई थी।
अमरिका एवं चीन के बिच व्यापार युद्ध तीव्र
वॉशिंगटन / बीजिंग: दुनिया के २ अग्रणी की वित्त महासत्ता के तौर पर पहचाने जाने वाले अमरिका एवं चीन
मैं व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। कुछ दिनों पहले अमरिका के
कृषि उत्पादन पर कर लगानेवाले चीन ने अमरिका से आयात होने वाले स्टाइरीन
एस रसायन पर आयात कर जारी करने की घोषणा की थी। उस समय अमरिका के
राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन से अमरिका में निर्यात होनेवाले
पोलाद एवं एल्युमीनियम के भंडार पर टीका की है और नए प्रतिबंधों का इशारा
दिया है।
चीन
के वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को निवेदन प्रसिद्ध किया है और अमरिका
स्टायरिन मोनोमेर में यह रसायन चीन में डंप करने का आरोप किया है। इस बारे
में हुई जांच में तथ्य होकर अमरिका ५ से १० प्रतिशत कम कीमत में चीन में यह
रस रसायन बिक्री करने की बात दिखाई दे रही है, ऐसा दावा वाणिज्य मंत्रालय
ने किया है। इस की वजह से चीनी उत्पादकों का नुकसान रोकने के लिए अमरिकी
रसायन के आयात पर लगभग ५ से १० प्रतिशत आयात कर जारी किया जा रहा है, ऐसी
घोषणा चीन ने की है।
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इस्रायल के सिरिया मे हमले नहीं रुकेंगे – इस्रायल के प्रधानमंत्री की घोषणा
जेरूसलम:
इस्रायल किसी भी परिस्थिति में सीरिया मे ईरान का तल नहीं बनने देगा। इसके
लिए आगे चलकर सीरिया में इस्रायल के हमले शुरू रहेंगे ऐसी घोषणा करके
इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ईरान को कड़ा इशारा दिया
है। शनिवार को सीरिया से होने वाले ईरान के ड्रोन अपनी सीमा में घुसने का
आरोप करके इस्राइल ने यह ड्रोन गिराए थे। उसके बाद इस्रायल ने सीरिया में
घुसकर राजधानी दमास्कस में ईरान के लगभग १२ लष्करी जगहों को लक्ष्य किया
था।
इस्रायल के सीरिया में स्थित लष्करी तलों पर हवाई हमले- सीरियन लष्कर का आरोप
दमास्कस:
इस्रायल के लड़ाकू विमान ने बुधवार सवेरे सीरिया के लष्करी तल पर मिसाइल
हमले किए। सीरियन लष्कर के ‘साइंटिफिक मिलिटरी सेंटर’ इस प्रयोगशाला को
लक्ष्य बनाने के लिए इस्रायल ने मिसाइल हमले करने का आरोप सीरियन लष्कर ने
किया है। लेकिन सीरियन लष्कर ने मिसाइलभेदी यंत्रणा का इस्तेमाल कर के
इस्रायल के बहुतांश मिसाइलों को सफलतापूर्वक भेदने का दावा सीरियन लष्कर ने
किया है। साथ ही इस हमले के बाद सीरिया ने इस्रायल को गंभीर परिणाम भुगतने
के लिए तैयार रहने की धमकी दी है।
सीरिया मे घुसकर हमला करनेवाले इस्रायल का ‘एफ-१६’ विमान सिरियन लष्कर ने गिराया
दमास्कस
/ जेरूसलेम: सीरिया में घुसकर हमला करने वाले इस्रायल के एफ-१६ विमान
गिराने का दावा, सिरियन लष्कर से किया जा रहा है। तथा सीरिया से उड़ान करके
अपनी सीमा में घुसनेवाले ईरान के ड्रोन गिराने का दावा इस्रायल ने किया
है। सीरिया में हमले करनेवाला अपना एफ-१६ विमान गिरने का बयान इस्रायली
लष्कर ने दिया है। पर सीरिया एवं ईरान यह देश आग से खेल कर रहे हैं, ऐसा
इशारा इस्रायली लष्कर ने दिया है। शनिवार को सीरिया की राजधानी दमास्कस के
पास हमला करने वाले इस्रायल के एफ-१६ लड़ाकू विमान गिराने का दावा इस्रायली
लष्कर के अधिकारी ने दिया है।
सीरिया की सीमा के पास इस्रायल की मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात
जेरुसलेम:
सीरिया ने इस्रायल का ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमान गिराने के बाद अगले २४ घंटों
में इस्रायल ने सीरिया की सीमा के पास मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात करने की
बात स्पष्ट हुई है। उसीके साथ ही इस्रायल के उत्तर में सीरिया की सीमा के
पास इस्रायली लष्कर के गाड़ियों की गतिविधियाँ बढने की खबर इस्रायली दैनिक
ने प्रसिद्ध की है। पिछले ३५ सालों में पहली बार शत्रु देश ने अपने विमान
को गिराने की वजह से इस्रायली लष्कर ने यह तैयारी करने का दावा इस दैनिक ने
किया है।
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श्रीलंका का चीन के साथ मुक्त व्यापार करार दूर जाने के संकेत
कोलंबो / बीजिंग: श्रीलंका में इस हफ्ते के आखिर में स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव हो रहे हैं। जिसमें चीन के प्रभाव का मुद्दा अग्रणी पर होने के संकेत मिले हैं। इस पृष्ठभूमि पर श्रीलंका सरकार ने चीन के साथ होने वाला मुक्त व्यापार करार दूर पर धकेलने का प्रयत्न शुरू किया है। चीन में श्रीलंका के राजदूत ने इस बारे में विधान करने की बात सामने आई है। पिछले महीने में श्रीलंका एवं चीन के दौरान हंबनटोटा बंदरगाह में ९९ वर्ष का करा हुआ था।
पिछले दशकभर में चीन ने श्रीलंकामें अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए आक्रामक प्रयत्न शुरू किए हैं और ‘हंबंटोटा’ का करार, हवाई अड्डे का निर्माण, कोलंबो बंदरगाह, कैंडी, जाफना हाईवे के साथ देश के अन्य भागों में चीन की सहायता से शुरू होने वाले प्रकल्प उसके उदाहरण माने जाते हैं।
‘डोकलाम’ के बाद अब तिबेट मे चीन के लष्करी सज्जता मे बढ़त ; भारत की चिंता बढ़ी
नई दिल्ली: ‘डोकलाम’ के बाद चीन ने तिबेट में बड़ी तादाद में लष्कर की तैनाती बढ़ाने की बात सामने आई है। चीन के इस तैनाती की वजह से भारत के सामने चिंता बढ़ी है और चीन ने तिबेट में शुरु किए इन गतिविधियों पर भारतीय यंत्रणा बारीकी से नजर रखे हुए हैं। चीन ने तिबेट में शुरु किए लष्करी गतिविधियाँ चेतावनी खोर होकर भारत ने भी इन गतिविधियों को उत्तर देने की तैयारी शुरू करने का वक्त है।
पिछले वर्ष ‘डोकलाम’ में भारत एवं चीन का लष्कर ७३ दिन तक एक दूसरों के सामने खडा था। उसके बाद भारत एवं चीन ने अपनी सेना कुछ अंतर तक पीछे ली थी। पर कई दिनों से सामने आ रही गोपनीय जानकारी एवं उपग्रह ने दिए छायाचित्र के अनुसार भारत-चीन की सेना जिस भाग में खड़ी थी, वहां कुछ ही अंतर पर चीन ने लष्कर की तैनाती बढ़ने का चित्र स्पष्ट हुआ है।
भारत और चीन के बीच शीतयुद्ध शुरू है; अमरिका के मुत्सदी एरिस का दावा
वाशिंगटन: भारत और चीन में शीत युद्ध जैसी परिस्थिति निर्माण हो रही है। चीन के साथ संबंध भारत के लिए अधिक से अधिक असमाधान कारक बनते चले जा रहे हैं। फिर भी चीन को रोकने के लिए अमरिका ने निर्माण किए संगठन में भारत नहीं शामिल होगा, ऐसा निष्कर्ष अमरिका के मुत्सद्दी ‘एलीसा एरिस’ ने प्रस्तुत किया है।
अमरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य आशिया विभाग में काम किए एलीस एरिस का ‘अवर टाइम हैस कम!, हाउ इंडिया इज मेकिंग इट्स प्लेस इन द वर्ल्ड’ इस शीर्षक का पुस्तक प्रकाशित हुआ है। इस अवसर पर काउंसिल ऑन फॉरेन अफेयर्स ने आयोजित किए कार्यक्रम में एरिस बोल रही थी।
भारत और चीन में शीत युद्ध जैसी परिस्थिति निर्माण हुई है। भारत और चीन के आर्थिक संबंध अच्छे हैं, पर यह संबंध भारत के लिए अधिक से अधिक असमाधानकारक बनने लगे हैं। अमरिका को भी अपने चीन के साथ संबंध के बारे में ऐसा ही अनुभव आ रहा है, इसपर एरिस ने ध्यान केंद्रित किया है।
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काबुल मैं बम विस्फोट में ६३ लोगों की जान गई
काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान ने किए बम विस्फोट में ६३ लोगों की जान गई है और १५१ लोग जख्मी हुए हैं। इस विस्फोट की तीव्रता देखते हुए मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हफ्ते भर में काबुल में हुआ यह दूसरा आतंकवादी हमला है। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी है। पहले हुए हमले के पीछे तालिबान का हक्कानी नेटवर्क होने की बात सामने आई थी। इसकी वजह से तालिबान एवं तालिबान की हक्कानी नेटवर्क आश्रय देने वाले पाकिस्तान को बड़े संकट का सामना करना होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।
आगे पढें: http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/63-killed-kabul-bomb-blast
काबुल के आतंकी हमले मे ११ लोगों की जान गयी – आंतकियो को पाकिस्तानी लष्कर की सहायता मिलने का आरोप
काबुल: सोमवार की सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक और भीषण आत्मघाती हमला हुआ है। काबुल में एक लष्करी अकादमी पर आतंकवादियों ने यह हमला करके, ११ जवानों की जान ली है। इस हमले में १६ जवान जख्मी हुए हैं। हमलावारों में दो लोगों ने खुद को बम विस्फोट द्वारा उड़ा दिया है और दो लोगों ने अफगानी जवानों को ढेर किया है। एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ने में सफलता मिलने की जानकारी अफगानिस्तान के रक्षा दल ने दी है, ‘आयए’ ने हीं हमला करने की बात स्पष्ट हुई है। शनिवार को काबुल में हुए हमले में १०३ लोगों की जान गई थी। उसे पहले २० जनवरी के रोज काबुल में आतंकवादियों ने ४० लोगों की जान ली थी।