-
|
Aniruddha Bapu |
झूठे अहं
से मुक्ति पाने का आसान उपाय | हनुमानजी का स्मरण करना और अपने आराध्य का
ध्यान करना इस प्रक्रिया से मानव झूठे अहं से अपना पाला छुडा सकता है।
झूठे अहं से मुक्त होने के सरल उपाय के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री
अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप
इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक- http://aniruddhafriend-samirsinh.com/an-easy-way-to-get-rid-of-false-self/
-
|
Aniruddha Bapu |
शोकविनाशक
हनुमानजी | हनुमानजी जिस तरह सीताशोकविनाशक हैं, उसी तरह रामशोकविनाशक एवं
भरतशोकविनाशक भी हैं। मानव को यह सोचना चाहिए कि जो सीता और श्रीराम के
शोक हो दूर कर सकते हैं, वे हनुमानजी क्या मेरे शोक को दूर नहीं कर सकते?
अवश्य कर सकते हैं। हनुमानजी के शोकविनाशक सामर्थ्य के बारे में परम पूज्य
सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में
बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
-
|
Aniruddha Bapu |
मानव के
जीवन में रामरूपी कर्म और कर्मफलरूपी सीता के के बीच में सेतु बनाते हैं
महाप्राण हनुमानजी! रावणरूपी भय मानव के कर्म से कर्मफल को दूर करता है।
रामभक्ति करके मानव को चाहिए कि वह हनुमानजी को अपने जीवन में सक्रिय होने
दें। हनुमानजी के भयभंजक सामर्थ्य के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री
अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप
इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक- http://aniruddhafriend-samirsinh.com/bhaya-bhanjak-hanumanji/
-
|
Aniruddha Bapu |
स्तुति
और निन्दा के कारण मानव अपने अंदर ‘झूठे मैं’ को पनपने देता है।
स्तुति-निन्दा को मन पर हावी होने देने के कारण मधु-कैटभ इन राक्षसों का
जन्म होता है। आदिमाता महाकाली का अवतार मधु और कैटभ इन दो असुरों का वध
करने हेतु हुआ था। मानव को इन राक्षसों से बचने के लिए क्या करना चाहिए,
इसके बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर
२०१४ के हिंदी प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
-
|
Aniruddha Bapu |
भय के कारण मानव के मन पर बुरे परिणाम होते हैं। गर्भवती महिला के गर्भ पर भी भय का असर होता है। गर्भवती महिला को इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए भयकारी बातों से दूर रहना चाहिए। मानवी गर्भ पर भय किस तरह असर करता है, इसके बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend-samirsinh.com/fear-affects-the-human-fetus-part-3/
-
|
Aniruddha Bapu |
भय के कारण मानव के मन पर बुरे परिणाम होते हैं। गर्भवती महिला के गर्भ पर भी भय का असर होता है। गर्भवती महिला को इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए भयकारी बातों से दूर रहना चाहिए। मानवी गर्भ पर भय किस तरह असर करता है, इसके बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend-samirsinh.com/fear-affects-the-human-fetus-part-2/
-
|
Aniruddha Bapu |
भय के कारण मानव के मन पर बुरे परिणाम होते हैं। गर्भवती महिला के गर्भ पर भी भय का असर होता है। गर्भवती महिला को इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए भयकारी बातों से दूर रहना चाहिए। मानवी गर्भ पर भय किस तरह असर करता है, इसके बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend-samirsinh.com/fear-affects-the-human-fetus/
-
|
Aniruddha Bapu |
मनुष्य के हाथों जो गलती हुई है, उसका एहसास रखकर, उसे भगवान के पास उसे कबूल कर, उसे सुधारने का प्रयास भक्तिशील बनकर मानव को अवश्य करना चाहिए। उस गलती के लिए स्वयं को बार बार कोसते नहीं रहना चाहिए। मनुष्य के इस तरह स्वयं को बार बार दोषी ठहराते रहने की प्रवृत्ति से ‘झूठे मैं’ को बल मिलता है, इस बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के प्रवचन में मार्गदर्शन किया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं ll
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend-samirsinh.com/self-blaming-tendency-and-false-self/
-
|
Aniruddha Bapu |
प्रसव के समय गर्भ की स्थिति-गति का परिणाम उस शिशु के यानी मानव के मन पर होता है। उस अवस्था में जिन परिवर्तनों से वह गुजरता है, उसके परिणामस्वरूप उस प्रकार के विचार दृढ होते हैं। गर्भस्थ शिशु अवस्था से शुरू होनेवाली इस विचार-शृंखला के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के प्रवचन में मार्गदर्शन किया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
-
|
Aniruddha Bapu |
कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता कि उसके मन में पहला विचार कब आया था। गर्भस्थ शिशु अवस्था से ही मानव के मन में विचार आते रहते हैं यानी माँ की कोख से जन्म लेने से पहले भी गर्भस्थ शिशु अवस्था में भी मानव सोचता रहता है। विचारों की इस शृंखला के बारे में परम पूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १८ सितंबर २०१४ के प्रवचन में मार्गदर्शन किया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
विडियो लिंक-http://aniruddhafriend-samirsinh.com/beginning-of-the-thought-process/