हरि ॐ। यह ब्लाग हमें सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू (डा. अनिरुद्ध जोशी) के बारें में हिंदी में जानकारी प्रदान करता है।

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  • तुम स्वयं ही स्वयं के मार्गदर्शक हो । (You are your own guide) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 24 July 2014.

    हर एक व्यक्ति स्वयं ही स्वयं का मार्गदर्शक है । मनुष्य को चाहिए कि वह अपने अस्तित्व का एहसास रखकर स्वयं के हित का विचार करके, स्वयं का...
  • भक्त भगवान से जुडा हुआ होता है। (The Devotee is constantly connected with The God) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 24 July 2014

    मानव को यह श्रद्धा रखनी चाहिए कि मैं भगवान से जुडा हुआ हूँ और भगवान दयालु एवं क्षमाशील हैं, वे मुझे सजा देने के लिए नहीं, बल्कि प्रेम...
  • भय से मुक्ति पाने के लिए भगवान पर भरोसा रखिए (Keep Faith in God to get rid of Fear) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 15 May 2014

    Add caption मानव जिस बात से डरता है, उसके बारे में वह ज्यादा सोचता है । जिस बात से उसे डर नहीं लगता उसके बारे में वह नहीं...
  • आद्यपिपादादा-- भक्तिपूर्ण सफर - समीर दत्तोपाध्ये

    हरि ॐ  आद्यपिपादादा-- भक्तिपूर्ण सफर - समीर दत्तोपाध्ये Pujya Aadya Pipadada जन्म- आषाढी एकादशी १९३३ पिताजी का नाम- पांडूरंग माताजी का नाम- लक्ष्मी पिताजी पांडूरंगजी की संताने जी...
  • भक्तमाता राधाजी भक्त का जीवन मंगलमय बनाती हैं (Bhaktamata Radhaji makes devotees life auspicious) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 05 May 2005

    जीवन मंगलमय बनाना हो तो भगवान के साथ कभी भी अहंकार से पेश नहीं आना चाहिए । राधाजी स्वयं हंकाररूपा हैं, अहंकार कभी राधाजी में होता ही नहीं...
  • ॐ रां राधायै राधिकायै रमादेव्यै नम: ।(Om Raam Radhayai Radhikayai Ramadevyai Namah) – Aniruddha Bapu Hindi Pravachan

    महाभाव-स्वरूपा राधाजी के सहस्र नामों में से प्रत्येक नाम की महिमा स्पष्ट करते हुए सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापु अपने प्रत्येक प्रवचन में ’भक्तिमार्ग पर भक्तमाता राधाजी अपने बच्चों के...
  • एकविधा ध्यान (Ekavidha Dhyaan) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 04 March 2004

    मानव भुक्ति से लेकर मुक्ति तक कुछ भी यदि भगवान से प्राप्त करना चाहता है, तो उसे भगवान का एकविधा ध्यान (Ekavidha Dhyaan) करना चाहिए । ” भगवान, तुम्हारे सिवा मेरा कोई...