हरि ॐ। यह ब्लाग हमें सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू (डा. अनिरुद्ध जोशी) के बारें में हिंदी में जानकारी प्रदान करता है।

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  • पत्थर में से अनावश्यक हिस्से को तराशने से मूर्ति बनती है (Carving Unnecessary Parts From A Stone Converts It Into A Statue) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 09 Oct 2014

    Aniruddha Bapu किसी मनुष्य का, किसी आदत का या किसी तत्त्व का गुलाम नहीं बनना चाहिए। नियमों का पालन अवश्य करें, लेकिन ‘नियमों के लिए इन्सान नहीं है...
  • अपने जीवन को दूसरों के मत से आकार मत दीजिए ( Don’t Shape Your Life By Others’ Opinions ) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 09 Oct 2014

    Aniruddha Bapu  सज्जनों से, आप्तमित्रों से मार्गदर्शन अवश्य लें, लेकिन औरों की राय से स्वयं को मत ढालिए। मेरा जीवन मुझे अपने हिसाब से जीना चाहिए, अपने मत...
  • दूसरों की राय से स्वयं के बारे में निर्णय मत कीजिए (Don’t Judge Yourself By Others’ Opinions) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 09 Oct 2014

    Aniruddha Bapu  अन्य लोगों से, उनकी राय से मानव को अपना जीवन नहीं बनाना चाहिए। दूसरों के साथ प्यार से पेश आना, परिजनों के प्रति रहने वालीं अपनी...
  • नकारात्मक विचारों पर काबू रखें (Overcome Negative Thoughts) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 09 Oct 2014

    Aniruddha Bapu हमेशा अपना दुखडा रोते रहने से बच्चों पर भी इस बात का नकारात्मक परिणाम होता है। पॅरेंट्स के द्वारा किया जानेवाला नकारात्मक आचरण और उनकी नकारात्मक...
  • मध्यम मार्ग (Madhyam Marga 23-Dec-07)

    ॥ हरि ॐ ॥ मध्यम मार्ग परमपूज्य बापू व्दारा लिखे गये धर्मग्रंथ का नाम ही है  "श्रीमद्‍पुरुषार्थ" । दैववादिता अथवा शरीर पर भस्म लगाने की बात बापू ने...
  • श्रीश्वासम्, द हिलिंग कोड ऑफ द युनिव्हर्स (Shree Shwaasam, The Healing Code Of The Universe) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 04 Dec 2014

    Aniruddha Bapu श्रीश्वासम् यह द हिलिंग कोड ऑफ द युनिव्हर्स है। हर एक बीमारी को दूर करने वाला, हर एक अडचन को मिटाने वाला वैश्विक हिलिंग कोड ‘श्रीश्वासम्’...
  • झूठे अहं से मुक्ति पाने का आसान उपाय (An Easy Way To Get Rid Of False Self) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 18 Sep 2014

    Aniruddha Bapu झूठे अहं से मुक्ति पाने का आसान उपाय | हनुमानजी का स्मरण करना और अपने आराध्य का ध्यान करना इस प्रक्रिया से मानव झूठे अहं से...
  • शोकविनाशक हनुमानजी (ShokVinaashak Hanumanji) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 18 Sep 2014

    Aniruddha Bapu  शोकविनाशक हनुमानजी | हनुमानजी जिस तरह सीताशोकविनाशक हैं, उसी तरह रामशोकविनाशक एवं भरतशोकविनाशक भी हैं। मानव को यह सोचना चाहिए कि जो सीता और श्रीराम के...
  • स्वयं को कोसते रहने की प्रवृत्ति और झूठा मैं (Self Blaming Tendency and False Self) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 18 Sep 2014

    Aniruddha Bapu मनुष्य के हाथों जो गलती हुई है, उसका एहसास रखकर, उसे भगवान के पास उसे कबूल कर, उसे सुधारने का प्रयास भक्तिशील बनकर मानव को अवश्य...
  • विचारशृंखला की शुरुआत- भाग २ (Beginning of the Thought Process- Part 2 – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 18 Sep 2014)

    Aniruddha Bapu प्रसव के समय गर्भ की स्थिति-गति का परिणाम उस शिशु के यानी मानव के मन पर होता है। उस अवस्था में जिन परिवर्तनों से वह गुजरता...
  • स्कंद चिन्हके बारें मे खुलासा

    बापु के अनेक श्रद्धावान मित्र दैनिक प्रत्यक्ष के अग्रलेखों से संबंधित विषयों से जुडी वेबसाईट्स् का इंटरनेट पर अध्ययन कर रहे हैं । यह अध्ययन करते समय कुछ...
  • झूठे मैं से छुटकारा कैसे पाया जाये (How to Get Rid of False Self) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 11 Sep 2014

    जब तक मानव का हनुमानजी के साथ कनेक्शन नहीं जुडता, तब तक उसका विकास नहीं हो सकता और हनुमानजी के साथ मानव का कनेक्शन जुडने के आडे मानव...
  • जय कपिश तिहु लोक उजागर ( Jai Kapish Tihu Lok Ujagar ) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 11 Sep 2014

    सन्तश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी श्रीहनुमानचलिसा स्तोत्र में हनुमानजी को ‘कपिश’ कहकर संबोधित करते हैं । ‘कपिश’ यह संबोधन ‘कपि’ और ‘ईश’ इन दो शब्दों का अर्थ अपने ११ सितंबर २०१४...
  • जय हनुमान ज्ञान गुन सागर (Jai Hanuman Gyan Gun Sagar) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 11 Sep 2014.

    सन्तश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी हनुमानजी को हमेशा ही बडे प्यार से संबोधित करते हैं । श्रीहनुमानचलिसा स्तोत्र के प्रारंभ में वे ‘जय हनुमान ज्ञान गुन सागर’ कहकर हनुमानजी की जयजयकार...
  • झूठे मैं से उत्पन्न होनेवाले विचार घातक होते हैं (False Self generated Thoughts are Harmful) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 11 Sep 2014

    अपने ‘झूठे मैं’ के कारण मानव स्वयं के बारे में गलत कल्पनाएँ ही करता रहता है । मानव जब कुछ भी नहीं करता, तब भी उसका मन विचार...
  • भय से झूठा मैं ताकतवर बनता है (Fear makes False Self more stronger) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 21 August 2014

    मानव यदि स्वयं अपनी विवेकबुद्धि का उपयोग नहीं करता, तो उसका सही मैं दुर्बल बनता जाता है । दुर्बल मन पर भय आसानी से कब्जा कर लेता है...
  • झूठे मैं से मुक्ति कैसे पायी जा सकती है (How to get rid of False Self) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 21 August 2014

    मानव के जीवन में लोग जो उसके बारे में कहते हैं उसके आधार पर वह मानव अपनी एक झूठी प्रतिमा बना लेता है और वही उसका सही मैं...
  • सही मैं और झूठा मैं के बीच की खींचातानी (Tug of War between True Self & False Self – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 21 August 2014)

    अन्य लोगों से मानव अपने बारे में रहने वाली उनकी राय सुनकर ‘अपने मैं’ की धारणा बना लेता है। इससे वह अपने सही मैं को दबाकर झूठे मैं...
  • साईनाथजी की शरण में जाने से जीवन सार्थक बन जाता है | (Take shelter at SaiNathji’s Feet and Life becomes Fruitful – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 21 August 2014

    साईनाथजी की शरण में गया और जीवन व्यर्थ हो गया ऐसा इस दुनिया में कोई भी नहीं है ।  यह साईवचन मानव के जीवन में सच हो सकता...
  • सहस्र तुलसीपत्र अर्चन विशेषांक

    दैनिक ‘प्रत्यक्ष’ के कार्यकारी संपादक श्री. अनिरुद्ध धैर्यधर जोशी अर्थात हम सबके चहीते सद्गुरु अनिरुद्ध बापू द्वारा लिखित, संतश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी के ‘श्रीरामचरितमानस’ लिखित सुन्दरकाण्ड पर आधारित ‘तुलसीपत्र’ नामक अग्रलेखश्रृंखला का 1000वां लेख दि. 05-08-2014 को प्रकाशित हुआ। इस अग्रलेखश्रृंखला...
  • अनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम् में स्वतंत्रता दिवस समारोह

    अनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़े शानदार तरीके से मनाया गया। अनिरुद्धास् अकैडमी ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के डी.एम.वीस. द्वारा बड़ा ही प्रशंसनीय परेड पेश किया गया। मैं...
  • राधाजी और श्रीलक्ष्मी ये भक्तमाता आह्लादिनी के ही दो रूप हैं (Radhaji and ShreeLakshmi are two forms of Bhaktamata Aalhadini) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 25 March 2004

    Aniruddha Bapu भक्तमाता श्रीलक्ष्मी स्वयं ऐश्वर्य स्वरूपा हैं, वहीं भक्तमाता राधाजी ऐश्वर्य की जननी हैं । सागर और सागर का जल, सूर्य और सूर्यप्रकाश ये जिस तरह अलग...
  • भक्तमाता पंकजा श्रीलक्ष्मी (Bhaktamata Pankaja ShreeLakshmi) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 25 March 2004

    Aniruddha Bapu  भक्तमाता पंकजा श्रीलक्ष्मी कमल में विराजमान हैं । कमल यह कीचड में से ऊपर उठकर हमेशा ऊर्ध्व दिशा में आगे बढता रहता है । इसी तरह...
  • ऐश्वर्य और पंक के बीच का फर्क (The difference between Aishwarya and Pank) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 25 March 2004

    Aniruddha Bapu आसुरी मार्ग से हासिल की गयी संपत्ति को ऐश्वर्य नहीं कहा जाता क्योंकि वह न तो प्राणमय होता है और ना ही वह ऊर्ध्व दिशा में...
  • राधाजी ही दैवी संपत्ती है। (Radha – The Divine treasure) – Aniruddha Bapu Hindi Discourse 25 March 2004

    जो भी भगवानमें विश्वास करते है, वो मानते है की, भगवान के पास हमे सब कुछ देने की शक्ति है। भगवान के देने की शक्तिही राधाजी है। राधाजी...